सूरजकुंड में बनाए जाने वाले बिजली घर का निर्माण केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण न मिलने के कारण बीते ढाई साल से अटका हुआ है। हरियाणा विद्युत् प्रसारण निगम लिमिटेड के तमाम प्रयास के बावजूद अभी तक विभाग द्वारा एनओसी जारी नहीं किया गया है।
एनओसी मिलने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया जा सकेगा। फरवरी 2018 में इस बिजली घर के निर्माण के लिए ढाई एकड़ जमीन की मंजूरी दी गई थी। बात की जाए सूरजकुंड क्षेत्र की तो उसके अंतर्गत सेक्टर 21, सेक्टर 45, 46, मेवला मजराजपुर, ग्रीन फील्ड कॉलोनी, दयालबाग, ग्रीन वैली और खेरी गाँव आदि इलाके आते हैं।
सूरजकुंड इलाके में 20 से ज्यादा सोसायटी सहित कई बड़े होटल हैं। यहां सेक्टर 46 और गुरुकुल बस्ती में बिजलीघर बने हैं। गुरुकुल बस्ती में औद्योगिक क्षेत्र भी हैं। यहां भविष्य में ओवरलोड की समस्या को ध्यान में रखते हुए हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड ने करीब ढाई साल पूर्व सूरजकुंड में बिजलीघर बनाने का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा था।
इसके लिए सूरजकुंड – अनखीर रोड पर मानव रचना शिक्षण संस्थान के पास अरावली पहाड़ी में जमीन भी आवंटित कर दी गई थी। परन्तु अरावली में निर्माण कार्य से पहले केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग से एनओसी की भी जरूरत होती है, जो विभाग के चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से मिलनी है।
क्षेत्रीय कार्यालय में अभी एनओसी देने की प्रक्रिया ही चल रही है। यदि इस परियोजना को मंजूरी मिल जाती तो अभी तक इसका टेंडर भी हो चुका होता।
अब अगले वर्ष ही मिल पाएगा एनओसी
वभागीय अधिकारियों ने एनओसी के लिए चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय विभाग के कई चक्कर लगाए हैं। मगर अभी तक एनओसी नहीं मिल सकी है। अब बात की जा रही है कि एक माह के अंदर अंदर एनओसी मिल जाएगी। यदि एक माह के अंदर एनओसी मिलती है तो 2021 में ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।