हरियाणा में सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों के समाधान में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी

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सोशल मीडिया ग्रीवेंस ट्रैकर (एसएमजीटी) को और कारगर बनाने के लिए सीएम विण्डो के ओवरऑल इंचार्ज एवं जनसुरक्षा, शिकायत और सुशासन सलाहकार श्री अनिल कुमार राव (पूर्व आईपीएस अधिकारी) ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाली जन शिकायतों के समाधान में अनावश्यक देरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

श्री राव आज यहां सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों के निदान के सम्बन्ध में विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में उन्होंने नोडल अधिकारियों को शिकायतों का समाधान तत्परता के साथ करने का निर्देश दिया। उन्होंने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा उच्च शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों को समस्याओं के समाधान में देरी होने के मामलों में विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने का भी निर्देश दिया।

हरियाणा में सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों के समाधान में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी

बैठक में बताया गया कि एसएमजीटी से सम्बन्धित नोडल अधिकारियों का एक व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाया जाएगा ताकि शिकायतों का निपटान तीव्रता से हो सके। उन्होंने यह भी बताया कि सम्बन्धित कम्प्यूटर ऑपरेटरों के लिए जल्द ही कोविड-19 के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए कि यह निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है और वे समस्या के निदान के लिए समीक्षा बैठक का इंतजार न करें। यह भी जानकारी दी गई कि समीक्षा बैठक अब हर महीने की जाएगी।

उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को कहा कि विभागीय काम में सुधार होगा तो विभाग की छवि भी सुधरेगी। विभागीय कार्य का सुचारू रूप से निरीक्षण करें तथा आपसी तालमेल से काम लें ताकि जन मानस की समस्या का शीघ्र निवारण हो सके। उन्होंने विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा करते हुए तत्परता से काम करने वालों कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देने बारे भी कहा।

हरियाणा में सोशल मीडिया के माध्यम से मिलने वाली शिकायतों के समाधान में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान, महिला एवं बाल विकास विभाग और परिवहन विभाग की बेहतर कार्य करने के लिए सराहना की गई। अब विभिन्न विभागों की इस आधार पर भी समीक्षा होगी कि कौन सा विभाग कितनी तत्परता से शिकायत पर कार्यवाही करता है। इसके लिए विभागों की अंकों के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी।

शिकायत आने के घंटे भर के अंदर ही उसकी पावती की जानकारी देने पर सम्बंधित विभाग को 10 अंक, एक से दो घंटों के भीतर जानकारी देने पर 7 अंक, दो से तीन घंटो के भीतर जानकारी देने पर 5 अंक तथा तीन घंटे से ज्यादा समय लगाने पर 0 अंक दिए जाएंगे। इसी प्रकार, शिकायत के निदान में लगने वाले समय के आधार पर भी अंक दिए जाएंगे। शिकायत यदि सम्बंधित विभाग के अलावा अन्य विभाग को चली जाती है तो उसकी जानकारी शीघ्र-अतिशीघ्र एसएमजीटी मुख्यालय को दें ताकि उसे सही विभाग को भेजा जा सके।

बैठक के दौरान जहां समय पर समस्याओं का निवारण करने वाले विभागों की सराहना की गई तो वहीं लापरवाही करने वाले विभागों के अधिकारियों को और ज्यादा मेहनत करने के निर्देश दिए गए। बैठक में लॉ आफिसर बुद्धप्रिये बजाज, समन्वयक विकास पॉल, सुपरवाइजर राकेश चौधरी और विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी एवं प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।