फरीदाबाद की हवा एक बार फिर से दम घोंटने लगी है। बीते कुछ दिनों तक शहरवासी राहत की सांस ले रहे थे। पर एक बार फिर से शहर की आबोहवा खराब होने लगी है। शहर की हवा जहरीली हो गई है। मंगलवार को जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 दर्ज किया गया है।
यह सामान्य सात गुना अधिक है जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद खराब है। गैरतलब है कि दिवली तक प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी तक पहुंच चुका था। 15 नवंबर को बारिश होने के बाद जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार गिरना शुरू हो गया था।
एक्यूआई गंभीर श्रेणी से निकलकर मध्यम श्रेणी में पहुंच गया था। हालांकि पिछले सप्ताह के अंत मे प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ना शुरू हुआ था, लेकिन सप्ताह के अंत तक तेज हवाओं के चलते प्रदूषण पर काबू पा लिया गया था।
आपको बता दें कि फरीदाबाद सबसे प्रदूषित शहरों की फेहरिस्त में सातवें पायदान पर है। क्षेत्र की आबोहवा प्रदूषित हो चुकी है जिससे हर किसी को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक्यूआई मापदंड में आए दिन इजाफा हो रहा है जिससे साफ़ तौर पर पता लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में प्रदूषण ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं।
मंगलवार की सुबह क्षेत्र में काफी स्मॉग छाया हुआ था। दिन में निकली चिलचिलाती धुप ने स्मोग को साफ़ कर दिया पर प्रदूषण के स्तर को कम करने में असमर्थ नजर आई। शाम को एक बार फिर से स्मॉग पाया गया जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई।
आपको बता दें के क्षेत्र के लोगों की आँख में जलन के साथ साथ उन्हें श्वांस की परेशानी भी होने लगी। फरीदाबाद में सबसे प्रदूषित क्षेत्र का ताज एनआईटी के सर पर सजा हुआ है। क्षेत्र में प्रदूषण बढ़ने के बाद आम जनता को परेशानी हो रही है।
प्रदूषण मापदंड को नियंत्रित करने के लिए आला कदम उठाए जाने की बात की जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने लगातार प्रदूषण सम्बंधित गतिविधियों पर नजर बना रखी है। ऐसे में वह कार्य प्रणाली के साथ मिलकर आला कदम उठाने को लेकर सुसज्जित हैं।