फरीदाबाद जिले में प्रदूषण जिस खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है उसने सिर्फ सरकार की चिंता को भी बढ़ा दिया है। बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए नगर निगम और प्रशासन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति से 2 टीमों का भी गठन किया था जो प्रदूषण बढ़ाने वाले कारणों पर नजर रखी हुई थी। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि जल्द ही बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण में कर लिया जाएगा।
बता दें कि वायु प्रदूषण पर कंट्रोल करने वाली नगर निगम की टीमें अपने काम के प्रति लापरवाही बरत रही है। जिसके कारण एक बार फिर जिले में प्रदूषण का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ने लगा है। मंगलवार को शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक 360 दर्ज किया गया ऐसा माना जाता है कि यह आंकड़ा वायु की गुणवत्ता की बहुत ही खतरनाक श्रेणी में गिना जाता है।
नगर निगम की टीमों को सड़क पर पानी का छिड़काव करने और छोटी-बड़ी सभी कंस्ट्रक्शन साइट पर नजर रखने के आदेश दिए गए थे लेकिन निगम की टीमों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है।
सड़कों पर उड़ती धूल स्थानीय निवासियों के दिक्कतें बढ़ा रही है और साथ ही नगर निगम द्वारा किए गए विकास के दावों की पोल खोल रही है। इतना ही नहीं कंस्ट्रक्शन साइट पर भी यूपीसीए के नियमों का पालन किए बगैर ही काम हो रहा है और यही कारण है जिसकी वजह से प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है।
शहर में वायु प्रदूषण के बढ़ने का मुख्य कारण उड़ती धूल दी है। फरीदाबाद के 3 जून में सड़कों से धूल हटाने के लिए नगर निगम के पास 6 मशीनें हैं। इन मशीनों से नगर निगम सफाई करने का काम भी सही तरीके से नहीं कर रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब प्रदूषण जैसी सामान्य परेशानी ही नगर निगम हल नहीं कर पा रहा तो उन बड़े-बड़े विकास और प्रगति के दावों का क्या कहीं वह दावे सिर्फ झूठे वादे बनकर ही ना रह जाएँ।