पिछले काफी दिनों से क्षेत्र में सड़क हादसों के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में फरीदाबाद की सड़कों पर कई अनफिट वाहन भी दौड़ रहे हैं। सड़कों के हालात तो जर्जर हैं ही पर साथ ही साथ जनता के द्वारा भी लापरवाही बरती जा रही है।
बता दें कि यातायात पुलिस नियम उल्लंघन पर तो जमकर चालान करती है पर अनफिट वाहनों की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया है। शहर की सड़कों पर पर हादसों को इन अनफिट वाहनों की वजह से ही बढ़ावा मिल रहा है। सड़क पर चलने वाले वाहनों में से आधे वाहनों में जंग लगा हुआ है।
बहुत से वाहन ऐसे होते हैं जिनमे शीशे नहीं होते और साथ ही साथ इन वाहनों का पॉल्यूशन भी नहीं हुआ होता। पिछले काफी समय से सड़क दुर्घटना से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में प्रशासन और कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
पर बात की जाए जनता कि तो फरीदाबाद में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अनफिट वाहनों के साथ सफर कर रहे हैं जिसकी तर्ज पर बहुत सारे हादसे होते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि देश में हर साल होने वाले करीब साढ़े चार लाख हादसों में से दो फीसद से ज्यादा खराब वाहनों की वजह से ही होते हैं।
ऐसे में यातायात पुलिस के लिए जरूरी है कि अनफिट वाहनों की ओर ध्यान दिया जाए। बहुत से लोग भारी वाहनों को भी अनफिट तरीकों से सड़कों पर दौड़ा रहे होते हैं। भारी भरकम सामान को लेकर भी वाहन सड़कों पर खुले आम चल रहे होते हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटना होना लाजमी हैं। क्षेत्र में बहुत सारी प्राइवेट बसें भी चलती है जिनकी हालत एकदम खराब हुई पड़ी है।
वाहनों की फिटनेस जांच है जरूरी
कुछ प्रदेशों में वाहनों के लिए आठ वर्ष तक हर 2 साल में जांच करवाने का प्रावधान है। फिटनेस टेस्ट के बाद वाहनों को फिटनेस प्रमाण पात्र भी दिया जाता है जिससे वाहन आराम से सड़कों पर चल सकें। पर बात की जाए फरीदाबाद की तो यहां पर अभी तक ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है।
पर क्षेत्र के हालात देखते हुए इसे अनिवार्य करना जरूरी है। इससे क्षेत्र में आए दिन बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि बीते दिनों ऐसे बहुत से मामले सामने आ चुके हैं जिनमे लोगों ने सड़क दुर्घटना के चलते अपनी जान गवाई है। ऐसे में कार्य प्रणाली को जरूरत है कि प्रखर रूप से नियम कानून बनाए जाए।