वयस्क महिला को हाई कोर्ट ने दी अपनी मर्जी से किसी के साथ रहने की स्वतंत्रता

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एक युवती के परिवार द्वारा हाई कोर्ट में अपनी बेटी को पेश करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई गई थी। उसके पश्चात ही इसी मामले में सुनवाई के दौरान अहम फैसला हुए कोर्ट ने एक वयस्क महिला को अपनी मर्जी से कहीं और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्रा प्रदान की हुए।

वही युवती के परिजनों द्वारा दम भरा गया था कि उनकी बेटी कहीं गायब हो गई थी। जबकि स्वयं युवती ने कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होकर यह बयान दिया था कि वह अपने परिवार और घर को छोड़कर अपनी मर्जी से आई है और फिलहाल शादी करके एक व्यक्ति के साथ रह रही है। इसके अलावा युवती ने सेक्शन 164 के तहत अपना बयान भी दर्ज कराया है।

वयस्क महिला को हाई कोर्ट ने दी अपनी मर्जी से किसी के साथ रहने की स्वतंत्रता

जब कोर्ट के संज्ञान में आया कि युवती स्वयं अपने परिजनों और घर को छोड़कर गई थी। और अब एक युवक से शादी करके रह रही है तो कोर्ट द्वारा याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि कोई भी व्यस्क महिला अपनी मर्जी से किसी के साथ में रह सकती है उसके ऊपर परिजन दबाव नहीं बना सकते।

वही मामले में यह बात भी उभर कर सामने आई थी लड़की की उम्र 20 साल है और वह भी वयस्क है। ऐसे में परिजन अपना फैसला उस पर नहीं थोप सकते हैं ना ही किसी प्रकार का दबाव बना सकते हैं।

पुलिस को दिया निर्देश दंपति को लेकर जाएंगे युवक के घर

वयस्क महिला को हाई कोर्ट ने दी अपनी मर्जी से किसी के साथ रहने की स्वतंत्रता

ऐसे में, जब जांच अधिकारी ने इन तमाम बातों की जानकारी दी तो कोर्ट ने आदेश जारी किया कि लड़की पर उसके परिजन घर वापस लौटने का कोई भी दबाव नहीं डालेंगे। इसके अलावा कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह लड़के के घर पर दोनों को लेकर जाएंगे, और उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी।

वयस्क कपल को दिया जाएगा बीट कांस्टेबल का मोबाइल नंबर

कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि लड़का और लड़की दोनों में से किसी के परिजन भी उनको धमकी देकर तंग ना करने पाएं। कोर्ट ने जांच अधिकारी को भी निर्देश दिए हैं कि इस मामले में वयस्क कपल को बीट कांस्टेबल का मोबाइल नंबर दिया जाए। कोर्ट ने पुलिस को कहा है कि आगे भी नजर रखने के लिए या कोई सहायता की जरूरत होने पर दंपति की सहायता की जाए।