कर्मचारियों की हड़ताल और दो दिन चले किसान आंदोलन से हरियाणा रोडवेज को महज़ दो दिन के अंदर 14 लाख रूपये का नुक्सान हो गया है। साथ ही साथ यात्रियों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल और आंदोलन के चलते हरियाणा रोडवेज कई रास्तों पर अपनी बसें नहीं उतार पाई।
रोडवेज के अधिकारियों को आशंका है कि अगर दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के रुट पर बसें कहीं भी फंस सकती है। इस कारण बसों को रुट पर नहीं उतारने का फैसला किया गया।
शुक्रवार को दुसरे दिन हरियाणा रोडवेज की बसें चण्डीगढ़, पंजाब व दिल्ली से होकर जाने वाले हिमाचल व उत्तराखंड की ओर से जाने वाली विभिन्न रूटों की बसें अपने अपने रुट पर नहीं चलाई गई। शुक्रवार को दोपहर में हलद्वानी व हिसार तथा यमुनानगर से वापस आने वाले बसे रास्ते में बुरी तरह फंस गई है।
जिन्हे वापस अपनी अपनी मंजिल पर पहुँचने में काफी समय लग रहा है। इधर, पंजाब में अमृतसर, चण्डीगढ़, बैजनाथ, धर्मशाला व हमीरपुर की बसें नहीं चलाई गई। इस कारण यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। उधर, इन बंद रूटों पर चलने वाली बसों को आगरा, मथुरा और अलीगढ़ रुट पर चलाया गया।
इसके अलावा शुक्रवार को हरियाणा के विभिन्न रूटों पर बसों का संचालन अन्य दिनों की तरह रहा। इधर देश व्यापी हड़ताल की पूर्व सूचना के चलते हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक राजीव नागपाल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी दुसरे दिन भोर में ही बस अड्डे पहुँच गए।
पुलिस प्रशासन की और से सुरक्षा के लिए दुसरे दिन भी एक रिजर्व बस अड्डे पर तैनात कर दी गई। इसके अतिरिक्त दमकल की एक गाड़ी भी बस अड्डे पर खड़ी थी। बंद बसों को रोडवेज प्रबंधक की ओर आगरा, अलीगढ़ व मथुरा की ओर रवाना करना शुरू कर दिया गया। इससे यात्रियों को थोड़ा राहत मिली।