महामारी के दौर में त्योहारों पर विराम लग चुका है। हाल फिलहाल फरीदाबाद कार्य प्रणाली द्वारा छठ महामपर्व के आयोजन पर भी अंकुश लगा दिया गया था। बिमारी के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जिला उपायुक्त द्वारा यह कदम उठाया गया था।
क्षेत्र में आए दिन 500 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में फरीदाबाद कार्यप्रणाली के आगे लोगों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन चुकी है। आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी शादी समारोह में केवल 50 लोगों को सम्मिलित करने का प्रावधान निकाला है।
जिसकी तर्ज पर अब शादियों में भी गिने चुने लोग ही शिरकत पाएंगे। बिमारी के इस दौर ने सालों से चलती आ रही प्रभात फेरी की प्रथा पर भी विराम लगा दिया है। आपको बता दें कि क्षेत्र में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर लोग प्रभात फेरी निकालकर भगवान के नाम का भक्ति भजन करते हैं।
पर इस बार महामारी के चलते क्षेत्र में जगह जगह की जाने वाली प्रभात फेरियों को टाल दिया गया है। फरीदाबाद के प्रांगण में ऐसे बहुत सारे गुरुद्वारे हैं जो प्रकाश दिवस से पूर्व नगर कीर्तन का आयोजन करते हैं। इस बार बिमारी के चलते गुरुद्वारा प्रभारियों ने प्रभात फेरी के आयोजन पर रोक लगा दी है।
आपको बता दें कि सुबह सुबह निकाली जाने वाली प्रभात फेरी में कम से कम 20 लोग शामिल होते हैं। ऐसे में लोगों को बिमारी का खतरा फैलने का डर सता रहा था जिससे लोगों ने इस बार फेरी निकालना मुनासिब नहीं समझा। सोमवार को बाबा गुरुनानक देव का जन्मदिवस मनाया जाएगा जिसे सिखों का सबसे बड़ा त्यौहार बताया जाता है।
इसमें प्रभात फेरी के साथ साथ लंगर की भी व्यवस्था की जाती है पर इस बार किसी भी तरीके से कोई ख़ास तैयारी नहीं की गई है। सुबह सवेरे निकाली जाने वाली प्रभात फेरी में क्षेत्र के बुज़ुर्ग भी हिस्सा लेते हैं जिसका ध्यान रखते हुए इस बार किसी भी तरीके के आयोजन से बचा गया है। लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
आपको बता दें कि फिलहाल फरीदाबाद प्रशासन की ओर से प्रकाश पर्व को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं निकाली गई है। पर बिमारी से बचाव को ध्यान के रखते हुए सिख समुदाय ने इस बार प्रकाश पर्व किए जाने वाले तमाम आयोजनों पर अंकुश लगाया है। लोगों का कहना हैं कि सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए वह सादगी से त्यौहार को मनाएंगे।