अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की आड़ में सख्ती का ढोंग रच रहा नगर निगम

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नगर निगम इन दिनों आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है उससे हर शहरवासी वाकिफ है। नगर निगम के पास रोजमर्रा के खर्चे चलाने तक के पर्याप्त फंड्स नहीं हैं। ऐसे में नगर निगम में अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कमर कस ली है और गैर कानूनी गतिविधियों पर पैनी नजर रखनी शुरू कर दी है। शहर का रिहायशी क्षेत्र दिन पर दिन व्यवसायिक रूप लेता जा रहा है। बल्लभगढ़ समेत है एन.आई.टी क्षेत्र में भी ऐसे कई मकान देखने को मिल जाएंगे जिनमें रिहाइश के साथ लोगों ने व्यवसायिक गतिविधियां करने भी शुरू कर दी है।

अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की आड़ में सख्ती का ढोंग रच रहा नगर निगम

घरों के नीचे दुकानें खोलकर या तो उन्होंने स्वयं व्यवसायिक गतिविधि कर रहे हैं या फिर उन दुकानों को किराए पर चढ़ा कर सोर्स आफ इनकम का जुगाड़ कर चुके हैं। ऐसे में जो कॉलोनी लोगों की रहने के लिए बनाई गई है वहां पर धड़ल्ले से राष्ट्रीय कृत बैंक, वाहन शोरूम, ब्यूटी पार्लर, मिष्ठान भंडार आदि गतिविधियां चल रही है। नगर निगम को भी इससे प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की आड़ में सख्ती का ढोंग रच रहा नगर निगम

बता दें कि निगम के संयुक्त आयुक्त प्रशांत अटका ने इन पर नकेल कसने के लिए एक सूची तैयार की है जिसमें करीब 10 से अधिक राष्ट्रीयकृत बैंकों पर जल्द व्यवसायिक कर वसूला जाएगा। कर ना देने पर नोटिस के जवाब तलब किया जाएगा। हाल ही में फरीदाबाद नीलम बाटा फ्लाईओवर सिंडिकेट बैंक को भी कर ना वसूल किए जाने की वजह से सील कर दिया गया है।

अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की आड़ में सख्ती का ढोंग रच रहा नगर निगम

बताया जा रहा है की सिंडिकेट बैंक पर नगर निगम का एक करोड़ रुपया टैक्स के रूप में बकाया था जो अनेकों बार नोटिस भेजे जाने के बाद भी चुकाया नहीं गया। यही वजह है कि नगर निगम को सिंडिकेट बैंक किस ब्रांच पर बड़ी कार्यवाही करनी पड़ी। नगर निगम बैंकों के अलावा दूसरे व्यवसाय करने वाले संस्थानों की सूची तैयार कर रहा है। इन पर व्यवसायिक कर लगाकर 1 महीने के भीतर टैक्स भुगतान करने का निर्देश दिया जाएगा।