सरकार द्वारा ऐसे अध्यादेश पारित किए गए हैं जिससे ना ही किसान खुश है और ना ही सब्जी मंडियों के आढ़ती। ऐसे में किसान बिलों को विपक्ष के नेताओं ने किसान विरोधी बिल बताते हुए पुरजोर विरोध किया। परिणाम स्वरूप आज की इतनी विकट परिस्थिति में भी जहां महामारी के संक्रमण का खतरा अपने चरम पर है ऐसी में भी हजारों की तादात में पंजाब और हरियाणा के किसान सड़कों पर उतर आए हैं।
किसानों का कहना है कि सरकार बिलों के रूप में जो तानाशाही फैसले लेती जा रही है, उसका विरोध करने का हर किसान को अधिकार है। इतना ही नहीं किसानों की मांग है कि उनसे बातचीत करके इस मसले का हल निकाला जाए। निरंतर गतिरोध के चलते पंजाब समेत हरियाणा के कई शहरों में सब्जियों के दाम धड़ल्ले से बढ़ गए हैं।
एक हफ्ते में ही करीब 20 से 25% तक सब्जियों के दामों में उछाल देखने को मिला है चाहे थोक विक्रेता हों या रिटेल में सब्जियां बेचने वाले छोटे दुकानदार सभी बढ़े हुए दामों पर ही सब्जियां बेचने को मजबूर है। ऐसे में दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी में भी रेटों में काफी बढ़ोतरी हुई है जिसका सीधा असर आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ रहा है।
सब्जियों के बढ़ते दामों ने आम जनता के बजट को हिला कर रख दिया है 1 किलो प्याज का रेट ₹40 से बढ़कर ₹80 तक हो गया है। वही टमाटर ₹80 किलो के भाव पर बिक रहा है। ऐसे में फरीदाबाद रोहतक सोनीपत पानीपत और फतेहाबाद गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। सब्जियों के साथ-साथ फल और दूध जैसी मौलिक वस्तुओं के भी दामों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।