किसान आंदोलन की आग ने बड़े बड़े सियासतदानों को हिला कर रख दिया है। इस आंदोलन की चपेट में अब हरियाणा प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज भी आ फंसे हैं। उन्हें अपने ही गोद लिए गाँव में लोगों के रोष का सामना करना पड़ा। ग्राम में मौजूद सभी किसानों ने जमकर अपना गुसा व्यक्त किया और नाराजगी जाहिर की।
किसान कृषि कानूनों के विरोध काले झंडे लेकर विरोध में उतरे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आपको बता दें कि मंत्री विज प्रकाश पर्व के मौके पर अंबाला के पंजोखरा गांव के गुरुद्वारे में मत्था टेकने गए थे। दर्शन करने के बाद जब गृह मंत्री अपना दस्ता लिए वापस जाने लगे थे तब गाँव के किसानों ने उन्हें घेर कर नारेबाजी करना शुरू कर दिया।
रोष व्यक्त करने के लिए काले झंडे भी दिखाए गए। वहाँ तैनात सुरक्षा कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद अनिल विज की गाड़ी को भीड़ के बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि गाँव में मौजूद तमाम किसानों ने यह फैसला लिया है कि सभी भाजपा व जजपा नेताओं का विरोध किया जाएगा।
इन पार्टियों में से अगर कोई भी नेता ग्राम की जमीन पर कदम रखता है तो उसे वहां पर कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा। गृह मंत्री के ग्राम आगमन पर जमकर हंगामा हुआ जिसके चलते किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच भिड़ंत भी हुई। किसानों द्वारा पुलिसकर्मियों पर अभद्र व्यवहार करने के आरोप भी लगाए गए हैं।
साथ ही साथ बात की जाए गृह मंत्री अनिल विज की तो उनका कहना है कि जल्द से जल्द इस आंदोलन पर विराम लगना चाहिए। किसान समुदाय के साथ बात कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालना बहुत जरूरी है। किसानों के लिए अब यह मुद्दा उनके मान और प्रतिष्ठा का हो गया है, जो बिलकुल भी सही नहीं हैं।
किसानों को कृषि कानूनों को लेकर बहकाया जा रहा है जिसके चलते वह उग्र होकर आंदोलन कर रहे हैं। आपको बता दें कि इन दिनों किसान आंदोलन ने पूरे देश में त्राहिमाम मचाया हुआ है। किसान समुदाय इन दिनों सड़क पर उतर कर कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध कर रहा है।