हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के तहत जमीन की निशानदेही करना बेहद अव्यस्क है। इसके लिए सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी। लेकिन अजरौंदा व दौलताबाद गांव की जमीन की निशानदेही की रिपोर्ट समय पर तैयार नहीं की गयी। इसके चलते अधिकारियों को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रशासक प्रदीप दहिया ने अपने कार्यालय में फटकार लगाई।
इस दौरान जिला राजस्व अधिकारी बस्तीराम से पूछा कि आपने अपने अधीनस्थ स्टाफ से यह रिपोर्ट क्यों नहीं समय पर तैयार कराई। प्रशासक ने इस काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ उच्च अधिकारियों से लिखित में शिकायत करने के लिए भी कहा। एक-दो कर्मचारियों का वेतन रोकने के लिए भी कहा।
प्रशासक ने इस बात को लेकर अधिक नाराजगी जाहिर की कि उन्हें निशानदेही की अपडेट जानकारी नहीं दी गई और न ही यह बताया गया कि इसमें क्या दिक्कतें आ रही हैं। अब जब महीने से अधिक हो गया है तो राजस्व अधिकारी यह बता रहे हैं कि निशानदेही की रिपोर्ट तैयार करने में क्या दिक्कत आ रही है, जबकि इस मामले को लेकर मुख्य प्रशासक काफी गंभीर हैं।
इसकी रिपोर्ट प्राधिकरण के मुख्यालय पहुंचने के बाद ही अजरौंदा-दौलताबाद गांव के ग्रामीणों को बढ़ा हुआ करीब 400 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाएगा। ग्रामीण लगातार प्राधिकरण के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है।
बता दें इस मामले को लेकर प्रशासक प्रदीप दहिया ने पिछले दिनों जिला उपायुक्त यशपाल यादव से बात की थी और राजस्व विभाग द्वारा निशानदेही की रिपोर्ट न सौंपने की शिकायत भी की थी। इस दौरान कानूनगो हरीश, पटवारी अतुल, भूमि अर्जन शाखा के कानूनगो तीर्थराम, पटवारी अतुल कुमार उपस्थित थे। नहीं हो पा रहा रिकार्ड का मिलान
कानूनगो हरीश ने बताया कि निशानदेही से संबंधित रिकार्ड का मौके पर मिलान नहीं हो पा रहा है। नए व पुराने जमीन के नंबर अलग-अलग हैं। इसलिए अब दोबारा मौके पर जाकर सर्वे करना पड़ेगा। इसके लिए थोड़ा और वक्त लगेगा।