हरियाणा पंजाब के किसानों के प्रदर्शन पर जेजीपी कि बीजेपी को नसीहत, सहयोगी विधायक दे रहे इस्तीफ़ा

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हरियाणा और पंजाब के किसानों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। मांगे ना पूरी होने के कारण हरियाणा के कई राज्यों समेत पंजाब के किसान भी अब दिल्ली बॉर्डर पर भारी संख्या में आ पहुंचे हैं जिन्हें संभाल पाना और स्थिति को काबू करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। इसी बीच हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने दोस्ती का फर्ज बखूबी निभाया है।

हरियाणा पंजाब के किसानों के प्रदर्शन पर जेजीपी कि बीजेपी को नसीहत, सहयोगी विधायक दे रहे इस्तीफ़ा

जेजेपी ने भारतीय जनता पार्टी को नसीहत देते हुए समझाया कि किसानों को एमएससी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर लिखित आश्वासन देने में कोई भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लिखित में आश्वासन मिलने पर ना सिर्फ किसान आश्वस्त और संतुष्ट होकर अपने घर जा पाएंगे साथ ही प्रशासन की मुश्किलों का भी अंत हो पाएगा। तीन कृषि कानूनों को सरकार द्वारा पारित किए जाने पर अनेकों किसान संगठनों ने एक ही सुर में विरोध करते हुए केंद्र से असहमति जताई है।

हरियाणा पंजाब के किसानों के प्रदर्शन पर जेजीपी कि बीजेपी को नसीहत, सहयोगी विधायक दे रहे इस्तीफ़ा

इसी बीच आज किसानों के विरोध प्रदर्शन का सातवां दिन है और बातचीत कर समस्या का समाधान निकालना अभी भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। जेजेपी प्रमुख व पूर्व सांसद अजय चौटाला का कहना है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कह रहे हैं ‘एमएससी जारी रहेगा और यही किसानों के हित में है।’ चौटाला का कहना है कि हम चाहते हैं इस बात का जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए जिसके लिए सरकार में शामिल लोगों को किसानों की समस्या का समाधान ढूंढने के लिए भी अनुरोध किया है।

हरियाणा पंजाब के किसानों के प्रदर्शन पर जेजीपी कि बीजेपी को नसीहत, सहयोगी विधायक दे रहे इस्तीफ़ा

बता दे कि दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं सांगवान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर भी संज्ञान दिया था।

हरियाणा पंजाब के किसानों के प्रदर्शन पर जेजीपी कि बीजेपी को नसीहत, सहयोगी विधायक दे रहे इस्तीफ़ा

पत्र में सांगवान ने लिखा था किसानों के समर्थन में मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूरे देश की तरह मेरे विधानसभा क्षेत्र दादरी के किसान भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में उनका पूरा समर्थन करना मेरी प्राथमिकता है और नैतिक कर्तव्य भी है।