अब रैन बसेरों में लोगों को हो रही असुविधाओं को समाप्त कर दिया जाएगा। जितने भी बेसहारा लोग हैं उन्हें सहारा दिया जाएगा और सर्द रातों में चैन से सो सकेंगे। नगर निगम की टीम को कई खामियां मिलीं। इसके साथ ही टीम को समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने का निर्देश जिला परियोजना अधिकारी द्वारका प्रसाद द्वारा दिया गया है।
आपको बता दें इलाके के जेई और एसडीओ को सभी रैन बसेरों की जिम्मेदारी दी गयी है। इन सभी अधिकारियों को बसेरे के गेट पर अपना मोबाइल नंबर प्रदर्शित करना होगा, जिससे कोई भी व्यक्ति उनसे सीधा संपर्क कर सकता है।
रैन बसेरों के बाहर अधिकारियों को बोर्ड लगवाकर अपने मोबाइल नंबरों को बड़े-बड़े अक्षरों में लगाना होगा। इसके साथ ही रैन बसेेरों की जिम्मेदारी के लिए दो शिफ्टों में चौकीदार भी तैनात कर दिये गए हैं। स्थायी रूप से शहर में कुल आठ रैन बसेरे बने हुए हैं, जहां पर हर सर्दी में बेसहारा लोगों को सहारा दिया जाता है।
नगर निगम के परियोजना अधिकारी ने बताया कि रैन बसेरों की जिम्मेदारी के लिए कई एनजीओ से बातचीत चल रही है। बता दें यहां रजाई-कंबल और हीटर का इंतजाम भी कर दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों के साथ सेक्टर-12 रेडक्रॉस भवन, सेक्टर-14, सेक्टर-16, एनआईटी तिकोना पार्क, न्यू जनता कॉलोनी, डबुआ सब्जी मंडी, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ स्थित रैन बसेरों में सुविधाओं का इंतज़ाम किया गया।
अधिकारी ने बताया है कि कई जगह एंट्री रजिस्टर भी रखा गया है। यह नियम बनाया गया है कि रैन बसेरे में जो भी व्यक्ति आएगा, उसका नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा। नगर निगम द्वारा जल्द साफ-सफाई करवाने का कार्य शुरू कर दिया है।
उनका दावा है कि आगे से किसी भी रैन बसेरे में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी। निगम के एक अधिकारी का कहना है कि एनजीओ की सहायता से वे सड़क पर सो रहे कई लोगों को रैन बसेरों में लेकर आते हैं, लेकिन वही लोग कंबल और अन्य चीजों की लालच में फिर से रोड पर चले जाते हैं।
Written by: Bharti