कोरोना महामारी के चलते फरीदाबाद में फंसे प्रवासी मजदूरों को बल्लभगढ़ से उनके घरों तक भेजने के लिए फरीदाबाद जिला प्रशासन द्वारा आज 17 बसे रवाना की गई जो उत्तर प्रदेश के 512 मजदूरों को उनके पैतृक स्थानों तक पहुंचाने का कार्य करेगी।
इसी कार्य के चलते आज फरीदाबाद के बल्लभगढ़ बस स्टैंड से प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए 17 बसें चलाई गई जो फरीदाबाद में फंसे हुए 512 मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य करेगी लेकिन इस कार्यवाही के कारण आज एक विपत्ति भी उत्पन्न होते होते रह गई।
दरअसल फरीदाबाद जिला प्रशासन द्वारा सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश के प्रवासी लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की सूचना जारी की गई थी लेकिन भ्रम के कारण आज बल्लभगढ़ बस स्टैंड पर बिहार के प्रवासी मजदूर भी बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए जिन्हें लगा कि आज ही के दिन बिहार के प्रवासी मजदूरों को भी वापस भेजा जा रहा है।
लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए बल्लभगढ़ के एसडीएम त्रिलोकचंद एवं मौके पर मौजूद ट्रैफिक एसपी अभिमन्यु एवं अन्य आला अधिकारियों द्वारा इन लोगों को समझा कर वापस भेज दिया गया और इन्हें आश्वासन दिया गया कि जल्द ही बिहार के प्रवासी मजदूरों को भी उनके स्थानों तक पहुंचाया जाएगा। जिसके बाद स्थिति सामान्य हो गई और सुरक्षित तरीके से बस में सोशल डिस्टेंस के साथ मजदूरों को मास्क एवं सैनिटाइजर देकर उन्हें बस में बैठा कर उनके गांव तक भेज दिया गया।
इस दौरान गलत सूचना के प्रसारण के कारण एकत्रित हुई लोगों की भीड़ के बारे में बात करते हुए एसडीएम त्रिलोक चंद ने बताया कि यह स्थिति गलत सूचना के प्रसारण के कारण उत्पन्न हुई जिसके कारण लोगों में भ्रम उत्पन्न हुआ। लेकिन मामले की गंभीरता के अनुसार तुरंत ही इस मामले में कार्रवाई करते हुए लोगों को नियंत्रण में कर लिया गया जिसके बाद कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं हुई।
वही मौके पर मौजूद फरीदाबाद ट्रैफिक एसपी अभिमन्यु ने बताया कि बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बसों में प्रवासी मजदूर भेजे जाने के समय उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बस के चालक एवं परिचालकों के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी जिसके चलते इस बार बस के चालकों एवं परिचालकों के साथ-साथ प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के जिला प्रशासन को चालक परिचालकों के साथ-साथ भेजे जा रहे प्रवासी मजदूरों की सूची दे दी गई है जिनसे उनके गांव पहुंचने के बाद इस बात की पुष्टि की जाएगी कि उन्हें इस यात्रा के दौरान कोई समस्या तो नहीं हुई।
यह भी पढ़ें :