नगर निगम ने फरीदाबाद शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के अनेकों वादे किए जिनमें से कई वादे अधूरे ही रह गए। कुछ कोरोना नामक वैश्विक महामारी के कारण और कुछ नगर निगम की ना कामयाबी और लापरवाही के कारण। कोरोना महामारी का सीधा असर विकास कार्यों के साथ-साथ बिजली निगम की स्मार्ट मीटर लगने की योजना पर भी पड़ा है।
बता दें कि बिजली बोर्ड ने फरीदाबाद शहर के कई इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना तैयार की थी जिसके तहत अगस्त 2020 तक 50,000 मीटर शहर के अलग-अलग इलाकों में लगने थे पर अब स्थिति कुछ ऐसी है कि अनलॉक के 5 चरणों के बाद भी मीटर लगने की योजना का सर्वे ही पूरा नहीं हुआ है।असल में मीटर लगना तो दूर की बात है। औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में बीते सालों में मीटर के साथ छेड़छाड़, फ्रॉड और बिजली चोरी के कर अनेक मामले सामने आए हैं जिसके परिणाम स्वरूप बिजली बोर्ड ने यह निर्णय लिया था कि शहर में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
अधिकारियों की मानें तो रोजाना करीब 13,00,000 रुपए की बिजली चोरी होती है। इसके अलावा औसत बिजली रीडिंग और बिजली की कॉपी ना मिलने से उपभोक्ता परेशान रहते हैं। सरकार ने इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए स्मार्ट मीटर की योजना लागू करने का आदेश दिया था। योजना के तहत फरीदाबाद और गुरुग्राम में 1000000 स्मार्ट मीटर लगाए जाने थे।
बता दें कि गुरुग्राम में तो स्मार्ट मीटर लगने का काम पूरा कर लिया गया लेकिन फरीदाबाद में अभी भी पहले चरण का सर्वे कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। अधीक्षण अभियंता नरेश कक्कड़ का कहना है कि योजना पर कोरोना का असर पड़ा है। बिजली निगम अपनी ओर से स्मार्ट मीटर लगाने के लिए सर्वे का कार्य कर रहा है।
इतना ही नहीं औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए बाहर से मीटर भी मंगवाए जा रहे हैं। सर्वे का काम पूरा होते ही मीटर लगने शुरू हो जाएंगे। जिन इलाकों में यह स्मार्ट मीटर लगने हैं उनकी सूची कुछ ऐसी है सेक्टर 14, 15, 16 , 17, सेक्टर 21a, 21b और 21c, ग्रीन फील्ड और कॉलोनी ग्रीन वैली को भी पहले चरण में रखा जाएगा।