किसान आंदोलन के पीछे टुकड़े-टुकड़े गैंग का हाथ, चीन और पाकिस्तान भी है जिम्मेदार

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किसान आंदोलन और किसानों को भड़काने के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं ऐसा कहना है कृषि मंत्री का। इन दिनों हरियाणा और पंजाब के हजारों किसान सड़कों पर उतर आए हैं और पुरजोर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि केंद्र द्वारा प्रस्तावित तीनों ही अध्यादेश किसानों के हितों में नहीं है और उनकी मांग है के बिलों को वापस किया जाए।

किसान आंदोलन के पीछे टुकड़े-टुकड़े गैंग का हाथ, चीन और पाकिस्तान भी है जिम्मेदार

आज किसान आंदोलन का आठवां दिन है और अनेकों स्तर पर पिछले दिनों कई बैठकें हुई हैं जिन से कोई खास नतीजे निकलते हुए नजर नहीं आए हैं। वहीं बीजेपी के मंत्री अपनी सरकार और किसानों के बीच चलते विरोधाभास को शांत करने के लिए बीच बचाव के लिए मैदान में उतर गए हैं। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग इस शाहीन बाग की शक्ल देना चाहते हैं।

किसान आंदोलन के पीछे टुकड़े-टुकड़े गैंग का हाथ, चीन और पाकिस्तान भी है जिम्मेदार

इतना ही नहीं मनोज तिवारी ने किसानों के मंसूबों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जो भी मसला बातचीत से हल किया जा सकता है उसे बेवजह राजनीतिक तूल दी जा रही है। ऐसे लोग देश का हित नहीं चाहते बल्कि देश में अस्थिरता लाने के निरंतर प्रयासों में जुटे हैं। इतना ही नहीं तिवारी का कहना है कि खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं और मोदी जी को मारने तक की धमकी दी जा रही है। यह सब किसी आंदोलन के तहत नहीं बल्कि एक सुनियोजित साजिश के तहत हो रहा है जिससे देश में अराजकता का माहौल पैदा किया जा रहा है।

किसान आंदोलन के पीछे टुकड़े-टुकड़े गैंग का हाथ, चीन और पाकिस्तान भी है जिम्मेदार

शाहीन बाग में एनआरसी और सीएए का विरोध करने वाले टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग भी इस आंदोलन को शाहिनबाग 2.0 बनाने की फिराक में है। मनोज तिवारी की बात में जेपी दलाल ने भी सुर मिलाते हुए कहा कि किसान को आगे करके चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देश हिंदुस्तान में अस्थिरता का माहौल पैदा कर रहे हैं। जेपी दलाल ने यह भी कहा कि मोदी को ही छुपे हुए नेता नहीं है। जनता ने उनको प्रधानमंत्री के पद के साथ देश की जिम्मेदारी भी सौंपी है।

किसान आंदोलन के पीछे टुकड़े-टुकड़े गैंग का हाथ, चीन और पाकिस्तान भी है जिम्मेदार

सरकार जो भी कानून बना रही है विदेश और किसानों के हित में है। अगर किसान सड़क पर आ जाए तो इसका फैसला सड़क पर नहीं किया जा सकता। किसी भी बिल एप्स बनाने के लिए राज्यसभा और लोकसभा में पारित किया जाता है और वही प्रक्रिया किसान भी लोगों के साथ भी की गई है। ऐसे में इन बिलों को थोपा हुआ बताना सरासर गलत है।