कोरोना वायरस महामारी के चलते किए गए देशव्यापी लॉक डाउन के कारण देश की जनता कई तरीके से प्रभावित हुई है और इस दौरान बीते एवं आने आगामी सभी त्योहारों को भी लॉक डाउन की मार झेलनी पड़ रही है।
लॉक डाउन के दौरान देखते देखते ही हिन्दू धर्म की मान्यता में खास अहमियत रखने वाले नवरात्रों का पर्व भी यूहीं ही बीत गया जिसमें बाजार की रौनक बिल्कुल फीकी नजर आई और अभी वर्तमान में मुस्लिम धर्म का विशेष पर्व रमजान भी इसी प्रकार बीत रहा हैं।
लॉक डाउन के कारण त्योहारों पर पड़ने वाले प्रभाव के चलते फरीदाबाद के कपड़ा व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिनका कहना है कि उन्होंने नवरात्रों रमजान एवं शादी के सीजन के लिए बड़ी मात्रा में कपड़ों का स्टॉक एकत्रित किया हुआ है जो लॉक डाउन के कारण अब बिना बिके गोडाउन में धूल खा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान हो रहे उनके इस नुकसान की भरपाई करने में उनको काफी लंबा समय लग सकता है।
व्यापारियों का कहना है कि यदि लोगों नहीं होता तो इस दौरान उनका 25 फीसदी सामान बिक जाता था इस दौरान लॉक डाउन के चलते उनको भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है होली के शुरआती दिनों में व्यापारियों की खरीदारी हुई थी लेकिन 10 दिनों के बाद लॉक डाउन की घोषणा होते ही उनका धंधा पूरी तरीके से चौपट हो चुका है।
वही इस बारे में हमने एक मुस्लिम व्यक्ति से बात की ओर उसने यह जानने की कोशिश करी की इस बार का रमजान प्रत्येक वर्ष आने वाले सामान्य रमजान के पर्व से किस प्रकार अलग रहा है तो उन्होंने बताया कि रमजान खरीदारी का अहम महत्व रहता है जिस पर वर्तमान में पूरी तरीके से रोक लगी हुई है इसलिए यह रमजान प्रत्येक साल आने वाले रमजान के पर्व से बिल्कुल अलग रहा है।
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