तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार धरना पर बैठे किसानों के लिए लंगर बनाने को अब गैस सिलिंडर के साथ ही चूल्हे लगा दिए हैं। आसपास के गांव से लकड़ी और उपलों की भी व्यवस्था करा दी गई है ताकि चूल्हा जलाया जा सके।
चूल्हों पर लंगर तैयार करने की जिम्मेदारी आंदोलन में शामिल होने वाले युवाओं ने संभाली है और कोई भी भूखा न रहे, यह जिम्मा उन्होंने उठाया है। मशीन से भी धरनास्थल पर रोटी बनाईं जा रही हैं ताकि हर कोई पेट भर खाना खा सके। दिल्ली-हरियाणा के बार्डर पर चल रहे कृषि आंदोलन में अन्नदाताओं के खाने का पूरा ध्यान रखा गया है।
गुरुवार को सोनीपत में आंदोलन करने वाले किसानों को दूध के साथ ही गन्ने का जूस भी पिलाया गया। किसानों ने बॉर्डर के पास ही कोल्हू लगाकर गन्ने का जूस निकालकर सभी को पिलाया। इसके साथ ही किसानों को बिरयानी भी परोसी जा रही है।
एक तरफ जहां किसान सरकार के साथ हो रही बैठक में खाना ठुकरा रहे हैं वहीं उनका दुसरे समुदाय ले साथ मिलकर बिरयानी खाना कुछ लोगों को रास नहं आ रहा है। किसानों के लिए आसपास के गाँव के लोग मददगार बने हुए हैं ग्रामीण उनकी सेहत के साथ-साथ स्वाद का भी पूरा ख्याल रख रहे हैं।
दिल्ली की सीमा पर हरियाणा व पंजाब से किसानों का अलग-अलग जत्थे में पहुँच रहे हैं। लगातार आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। बहुत से किसान अपने साथ राशन सामग्री लेकर पहुंच रहे हैं। दूध व लस्सी की सप्लाई भी धरनारत किसानों तक पहुंचाई जा रही है।
आसपास के ग्रामीण भी खाने-पीने की चीजें और फल की गाड़ियां भरकर किसानों तक पहुंचा देते हैं। कुरुक्षेत्र से पहुंचे डेयरी फार्म एसोसिएशन पदाधिकारियों ने धरनारत किसानों में दूध का वितरण भी किया है। हजारों लीटर दूध किसानों के प्रदर्शन स्थल तक पहुंचाया जा रहा है।
उधर, खरखौदा से समाजसेवी धर्मप्रकाश आर्य के डेयरी फार्म से भी किसानो के बीच दूध का वितरण किया जा रहा है।