दूल्हे को मंडप में छोड़ कर भागी लड़की, पहले बनी सरकारी टीचर बाद में बनी दुल्हन

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    सरकारी नौकरी पाना लोगों का सपना होता है। भारत के अनेकों युवा हर दिन सरकारी एग्जाम पास कर नौकरी पाने की तैयारी में जुटे रहते हैं। स्वाभाविक है कि सरकारी महकमे से होने का रौब अलग ही रहता है और शायद इसीलिए सरकार नौकरी का अपना अलग ही क्रेज है। अनेकों प्रयासों के बाद कहीं जा के किसी की झोली में एक सरकारी नौकरी आती है। इसका उपयुक्त उदाहरण पेश किया है यूपी के गोंडा की एक महिला ने।

    दूल्हे को मंडप में छोड़ कर भागी लड़की, पहले बनी सरकारी टीचर बाद में बनी दुल्हन

    म्हणत और लगन क्या होती है, इसका असली मतलब समझाया है एक युविका ने। उत्तर प्रदेश की यह महिला अपनी शादी में सिंदूर की रस्म के बाद पति को मंडप में छोड़कर नौकरी की काउंसिलिंग में गई। सोने पे सुहागा तो यह हुआ कि उसे नौकरी मिल भी गई। गोंडा के रामनगर बाराबंग की रहने वाली प्रज्ञा की बीएसए दफ्तर में उसी दिन काउंसिलिंग थी, जिस दिन उनकी शादी थी।

    दूल्हे को मंडप में छोड़ कर भागी लड़की, पहले बनी सरकारी टीचर बाद में बनी दुल्हन

    सरकारी नौकरी के प्रति इतनी लगन देख भगवान भी उपयुक्त फल दिया। शादी में सिंदूर रस्म के बाद प्रज्ञा बीएसए दफ्तर पहुंच गईं। इस दौरान दूल्हा शांतिपूर्वक अपनी दुल्हन का इंतज़ार करता रहा। शायद यह प्रज्ञा की लगन और दूल्हे का उसके प्रति प्रेम का इम्तेहान था, जिसमें प्रेमी जोड़ा पास हो गया। बीएस दफ्तर पहुंचकर प्रज्ञा लाइन में लगीं और अपने डॉक्यूमेंट्स चेक करवाकर रिसीविंग लीं।

    दूल्हे को मंडप में छोड़ कर भागी लड़की, पहले बनी सरकारी टीचर बाद में बनी दुल्हन

    प्रज्ञा को नौकरी मिलते ही रिश्तेदारों की ख़ुशी की सीमा ना रही। उनके चेहर पर शादी और नौकरी दोनों की खुशी साफ दिख रही थी। प्रज्ञा के घरवालों का कहना है कि उसके जीवन में करियर का बहुत महत्व है। यही कारण रहा कि वो अपनी शादी बीच में छोड़ कर काउंसिलिंग के लिए गईं और फिर वापस लौटकर बाकी रस्म पूरी कीं। शादी की रस्मे पूरी होने के बाद उसे दुल्हन की तरह विदा किया गया।