जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच समझौता, इन बच्चों को होगा फ़ायदा

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राजमार्ग तथा परिवहन क्षेत्र में ज्ञान साझा करने तथा विद्यार्थियों को ढांचागत विकास परियोजनाओं में भागीदार बनाने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये है।

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच समझौता, इन बच्चों को होगा फ़ायदा


समझौते के अंतर्गत, विश्वविद्यालय राजमार्ग और परिवहन क्षेत्र में नवीनतम रुझानों पर एनएचएआई के साथ ज्ञान एवं विशेषज्ञता को साझा करेगा, तथा अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत विश्वविद्यालय अपने दायरे से 50 किलोमीटर तक के राष्ट्रीय राजमार्ग के हिस्से को अपनायेगा। दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा विश्वविद्यालय के चयनित विद्यार्थियों को स्टाइपेंड के साथ इंटर्नशिप की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी।


राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण साथ समझौते पर विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम.एल. अग्रवाल और निदेशक इंडस्ट्री रिलेशन्स डॉ. रश्मि पोपली भी उपस्थित थीं।


साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कुलपति ने कहा कि यह समझौता सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थियों और विद्यार्थियों को उनके व्यावहारिक ज्ञान में सुधार करने और उन्हें रोजगार के लिए तैयार करने में मदद करेगा। इसके अलावा, उद्योग-संस्थान के बीच के अंतराल को समाप्त करने के साथ ही यह विद्यार्थियों को उद्योग में नवीनतम रुझानों से परिचित करवाने में भी मदद करेगा।

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच समझौता, इन बच्चों को होगा फ़ायदा


समझौता के अंतर्गत विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर विश्वविद्यालय से 20 किलोमीटर बाईं ओर (मथुरा की ओर) और 30 किलोमीटर दाएं (दिल्ली की ओर) के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों को अपनाना होगा। अपनाए गए खण्डों का उपयोग शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं द्वारा अध्ययन के क्षेत्र के रूप में किया जाएगा और इससे विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी राजमार्ग तथा परिवहन क्षेत्र में नवीनतम रुझानों से परिचित होंगे।


इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रो. अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा विश्वविद्यालय के 20 स्नातक और 20 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को इंटर्नशिप की सुविधा प्रदान करेगा और स्नातक के लिए 8000 रुपये और स्नातकोत्तर के लिए 15,000 रुपये के मासिक स्टाइपेंड का भुगतान भी करेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा विश्वविद्यालय को प्रयोगशाला के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने में सहयोग दिया जायेगा। इसके अलावा, प्राधिकरण वैकल्पिक संसाधन सामग्री का उपयोग करते हुए सड़कों की गुणवत्ता में सुधार की प्रासंगिक अनुसंधान परियोजनाओं को प्रायोजित भी करेगा।