फरवरी में नहीं बल्कि साल के इस महीने में लग सकता है सूरजकुंड मेला, तैयारियों में लगा हुआ है ताला

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फरीदाबाद की शान कहे जाने वाले सूरजकुंड मेले पर महामारी की गाज गिर गई है। जहां हर बार अगस्त में ही मेले के आयोजन की तैयारी शुरू हो जाती थी वहीं इस बार किसी भी तरीके की तैयारी नहीं हो पाई है। कार्य प्रणाली द्वारा बताया जा रहा है कि महामारी के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए कोई भी चहलकदमी नहीं हो रही है।

इस बार मेले के आयोजन पर संशय बरकरार है। फरीदाबाद डिवीजन कमिशनर राजेश जून का कहना है कि इस बार मेले के आयोजन को लंबित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बार मेले के आयोजन की तैयारियों के बारे में होने वाली बैठक में विलम्भ हो चुका है।

फरवरी में नहीं बल्कि साल के इस महीने में लग सकता है सूरजकुंड मेला, तैयारियों में लगा हुआ है ताला

उन्होंने बताया कि सूरजकुंड मेले के आयोजन के लिए इस बार न किसी थीम का चयन किया गया है और न ही किसी कलाकार को निमंत्रण भेजा गया है। राजेश जून का कहना है कि अभी मेले को लेकर को बड़ी जानकारी सामने नहीं आई है। उन्होंने बताया कि मेले के आयोजन को लंबित किया जा सकता है।

फरवरी में नहीं बल्कि साल के इस महीने में लग सकता है सूरजकुंड मेला, तैयारियों में लगा हुआ है ताला

जहां मेला हर बार फरवरी माह में लगता था वहीं इस बार मेले के आयोजन को आगे बढ़ाने की बात की जा रही है। आपको बता दें कि मेले के आयोजन से हरियाणा पर्यटन विभाग को आर्थिक रूप से काफी फायदा होता था। हर साल लाखों की तादाद में दर्शक मेले में पहुँचते थे।

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स्थानीय लोगों के साथ साथ विदेशी पर्यटक भी मेले में शरीक होते थे। इस बार मेले का आयोजन नहीं हुआ तो हरियाणा पर्यटन विभाग को काफी नुक्सान झेलना पड़ेगा। मेले की बात की जाए तो इससे फरीदाबाद की शान जुडी हुई है। सालों से आयोजित किया जाने वाला सूरजकुंड मेला अब क्षेत्र की पहचान बन चुका है।

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ऐसे में अगर इस बार मेले का आयोजन नहीं हो पाना क्षेत्रवासियों के लिए निराशाजनक होगा। आपको बता दें कि मनोहर सरकार द्वारा किसी भी सामाजिक स्थल में 50 से ज्यादा लोगों के एकत्रित न किए जाने का फरमान दिया गया है।

ऐसे में मेले में हजारों की तादाद में इकठ्ठा होने वाले लोगों की चिंता सरकार को खाए जा रही है। प्रशासन के आगे बिमारी के संक्रमण को तोड़ना सबसे बड़ा लक्ष्य है।