HomeIndiaआंदोलन बनता जा रहा है शमशान, नहीं बच पा रही किसानों की...

आंदोलन बनता जा रहा है शमशान, नहीं बच पा रही किसानों की जान, एक के पास था लाखों का कर्जा

Published on

किसान आंदोलन की आग ने इस समय तूल पकड़ रखा है। पूरे देश में हर कोई किसान समुदाय के समर्थन में खड़ा हुआ है। कृषि बिलों के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे किसान देख में अलग अलग जगह पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन की आग शुरू हुई सिंघु बॉर्डर से जो अब प्रशासन को भस्मीभूत करने के लिए तैयार बैठी है।

पर लगातार गिरते पारे के बीच प्रदर्शन पर बैठे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बहुत सारे किसान प्रदर्शन करते हुए सुपुर्द-ए-ख़ाक हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि आंदोलनकारी किसानों में से 4 किसानों की मृत्यु हो चुकी है। दिल का दौरा किसानों की मृत्यु का कारण बताया जा रहा है।

आंदोलन बनता जा रहा है शमशान, नहीं बच पा रही किसानों की जान, एक के पास था लाखों का कर्जा

आपको बता दें कि हरियाणा से ताल्लुख रखने वाले किसान अजय मोर की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे अजय मोर ने सोमवार रात आखरी सांस ली। अजय अपने पीछे अपनी तीन बेटियां, पत्नी और माँ-बाप को छोड़कर गए हैं।

आंदोलन बनता जा रहा है शमशान, नहीं बच पा रही किसानों की जान, एक के पास था लाखों का कर्जा

उनकी मौत से परिवार के सिर पर दुखों का पहाड़ टूट चुका है। ऐसे ही किसान आंदोलन में शरीक होने वाले किसान किताब सिंह चाहल भी प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गवा बैठे। उनझना गाँव से आने वाले किताब नरवाना में चक्का जाम करते समय अचेत हो गए।

आंदोलन बनता जा रहा है शमशान, नहीं बच पा रही किसानों की जान, एक के पास था लाखों का कर्जा

अस्पताल ले जाने तक उनकी मृत्यु हो गई। आपको बता दें कि उनकी उम्र 58 वर्ष थी और वह लगातार किसान आंदोलन में शरीक हो रहे थे। किसान आंदोलन में हिस्सा लेने पहुंची 70 साल की गुरमेल कौर की भी मृत्यु हो गई है। पंजाब के संगरूर से ताल्लुख रखने वाले किसान महिला गुरमेल कौर के परिवार को काफी समय से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।

आंदोलन बनता जा रहा है शमशान, नहीं बच पा रही किसानों की जान, एक के पास था लाखों का कर्जा

उनके परिवार के ऊपर लाखों का कर्जा था जिससे परेशान होकर गुरमेल के बेटे ने आत्महत्या कर ली थी अब परिवार का दारोमदार गुरमेल पर ही था जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। आपको बता दें कि गुरमेल का परिवार 13 लाख रूपये के कर्जे तले दबा हुआ है और अब कृषि कानून से उनके परिवार के ऊपर और भी आर्थिक संकट आने की बात की जा रही थी।

इसी के चलते गुरमेल प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंची थी पर काला झोर टोल प्लाजा के पास उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...