वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने दुनिया भर में अपना कोहराम मचा रखा है कई जगह लोग जिंदगी से जंग हार कर अपनों से बिछड़ चुके हैं लेकिन वीरवार को इसका एक सुखद पहलू सामने आया ।
लॉक डाउन के कारण शेल्टर होम में रह रहा एक युवक 15 साल बाद कासगंज में अपने परिजन से मिला युवक कुछ मानसिक रूप से कमजोर है युवक के मिलने के बाद उसके परिवार वाले बेहद खुशहाल नजर आ रहे हैं।
यह मामला उत्तर प्रदेश कासगंज के दीनपुर गांव का है कासगंज केविन पुर गांव में रहने वाले राकेश शर्मा के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं बेटी की शादी हो चुकी है और उनके पड़ोसी सुबह सिंह ने बताया कि राकेश की आर्थिक हालत खराब होने के कारण करीब 15 साल पहले उनका बड़ा बेटा सर्वेश उर्फ मोनू रोजगार की तलाश में भटकता भटकता दिल्ली आ गया।
परिवार वालों को कोई सूचना ना मिलने पर उन्होंने अपने बेटे को मृतक समझ लिया क्योंकि दिल्ली आते ही उसका संपर्क परिजनों से टूट गया था घर वालों ने उसे काफी तलाशने का भी प्रयास किया लेकिन उसका कुछ पता ही नहीं चला इसलिए उन्होंने अपने बेटे को मरा हुआ समझ लिया इस दौरान राकेश पर दुखों के पहाड़ टूट गए उनका दूसरा बेटा दिल्ली में हादसे का शिकार हो गया था और उसकी मृत्यु हो गई छोटे बेटे की गांव में ही ट्रैक्टर की चपेट में आकर मौत हो गई थी ऊपर से राकेश दमे के भी मरीज थे और उनका एक हाथ भी ठीक से काम नहीं करता था।
कोरोना काल के दौरान लागू हुए लोग डाउन में एक युवक जेवर प्रशासन को सड़क पर घूमता मिला उसे उन्होंने संस्कार मैरिज होम बने शेल्टर होम में भेज दिया इस दौरान युवक से उसके स्वजन के बारे में पूछताछ की लेकिन वह कोई जानकारी नहीं दे पाया शेल्टर होम में समय पूरा होने के बाद उसकी करो ना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद युवक को उसके घर भेजने की तैयारी शुरू हो गई थी लेकिन दिक्कत युवक के स्वजन की कोई जानकारी ही नहीं थी तो भला उसे भेजे तो कहां भेजें।
तहसीलदार और प्रशासन ने मिलकर मिलाया परिवार से ।
तहसीलदार दुर्गेश सिंह ने युवक के परिवार वालों की जानकारी जुटाने के लिए उसके साथ कुछ समय बिताया और उनकी मेहनत भी रंग लाई युवक ने अपना घर कासगंज में बताया इसके बाद प्रशासन ने युवक की फोटो के साथ कासगंज प्रशासन से संपर्क साधा स्थानीय प्रशासन के प्रयास से युवक के परिवार का पता मिल गया वीरवार को जेवर प्रशासन की एक गाड़ी कासगंज स्थित युवक के घर पहुंची और स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में युवक को उसके परिवार वालों को सुपुर्द कर दिया।