हिन्दुस्तान में गीता का पाठ सबसे पवित्र माना जाता है। अगर किसी कोर्ट में किसी की गवई ली जाती है तो सबसे पहले उससे गीता की कसम खाने को बोलै जाता है। पुराने युग में बड़े बुजूरख दिन में एक या दो बार गीता का पथ जरूर करते थे। लेकिन आज का युग इतना बदल चूका है की आज की युवा पीढ़ी गीता का एक भी पाठ के बारे में नहीं जानते।
इसलिए धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में इस बार महामारी के चलते प्रशासन का फोकस ऑनलाइन कार्यक्रमों पर है। देशभर के स्कूलों के 55 हजार विद्यार्थी 25 दिसंबर को दोपहर 12 बजे सामूहिक गीता श्लोक पाठ करेंगे, जिसमें 21 जिलों के चयनित 50-50 स्कूलों के विद्यार्थी और कुरुक्षेत्र के 9 हजार विद्यार्थी हिस्सा लेंगे।
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में इस बार कोरोना के चलते प्रशासन का फोकस ऑनलाइन कार्यक्रमों पर है। देशभर के स्कूलों के 55 हजार विद्यार्थी 25 दिसंबर को दोपहर 12 बजे सामूहिक गीता श्लोक पाठ करेंगे, जिसमें 21 जिलों के चयनित 50-50 स्कूलों के विद्यार्थी और कुरुक्षेत्र के 9 हजार विद्यार्थी हिस्सा लेंगे।
विद्यार्थियों को गीता श्लोक का पाठ ऑनलाइन माध्यम से भेजा जाएगा, ताकि विद्यार्थी गीता श्लोक पाठ की तैयारी कर सकें। इसके साथ ही इस बार स्कूलों के विद्यार्थियों की प्रतियोगिताएं भी 17 से 25 दिसंबर तक ऑनलाइन ही होंगी जिसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से कुरुक्षेत्र के जिला शिक्षा अधिकारी काे नोडल अधिकारी बनाया गया है।
11 से 19 दिसंबर तक होंगी जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं
शिक्षा विभाग की ओर से 11 से लेकर 19 दिसंबर तक ऑनलाइन जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं होंगी, जिसमें निबंध लेखन, गीता श्लोकाेच्चारण, भाषण, संवाद और पेंटिंग शामिल हैं। इसके बाद 20 व 21 दिसंबर को राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं होंगी। वहीं, 22 और 23 दिसंबर को राज्य स्तरीय प्रविष्टियों का मूल्यांकन किया जाएगा। निबंध लेखन व पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहने वाले प्रतिभागी की स्कैन पीडीएफ कॉपी खंड स्तर पर और खंड स्तर पर विजेता की जिला स्तर पर और जिला स्तर के विजेता की कॉपी राज्य स्तर पर देनी होगी।
निबंध लेखन के ये रहेंगे विषय
निबंध लेखन प्रतियोगिता के विषय मैंने गीता से क्या सीखा, गीता ने मेरे जीवन को कैसे बदला और महामारी काल में गीता और जीवन निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही गीता के श्लोकों के उच्चारण की प्रतियोगिता भी होगी। भाषण प्रतियोगिता का विषय गीता पर आधारित होगा।
वहीं, संवाद प्रतियोगिता में भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच के संवाद और संजय व धृतराष्ट्र के बीच के संवादों की प्रतिभागी प्रस्तुति दे सकते हैं। खंड स्तर पर निर्णायक मंडल में खंड शिक्षा अधिकारी अपनी अध्यक्षता में कमेटी का गठन करेंगे। वहीं, जिला स्तरीय निर्णायक मंडल में जिला शिक्षा अधिकारी अध्यक्ष, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी या डाइट प्राचार्य सचिव, हिंदी, संस्कृत व अंग्रेजी के तीन भाषा विशेषज्ञ राजकीय स्कूलों से और तीन भाषा विशेषज्ञ प्राइवेट स्कूलों से होंगे।
जिला व राज्य स्तर पर मिलेंगे पुरस्कार : जिला स्तर पर विजेता रहने वाले प्रतिभागियों को पहला पुरस्कार 2100, दूसरा पुरस्कार 1500, तीसरा पुरस्कार एक हजार और प्रत्येक श्रेणी में तीन सांत्वना पुरस्कार के रूप में 500-500 रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं राज्य स्तर पर पहला पुरस्कार 5100 रुपए, दूसरा पुरस्कार 3100 रुपए, तीसरा पुरस्कार 2100 रुपए और प्रत्येक श्रेणी में एक-एक हजार रुपए के तीन सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे।