अभय चौटाला भी राजनीति चमकाने पहुंचे किसानों के बीच, कहा विधायक नहीं बल्कि किसान बन के आया हूँ

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इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला बुधवार को सिरसा के भावदीन टोल प्लाजा से चलकर हजारों किसानों के साथ समर्थन देने टिकरी बार्डर पर किसानों के धरने पर पहुंचे। इनेलो नेता ने धरनास्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज वो यहां कोई राजनीतिज्ञ या विधायक के रूप में नहीं आए बल्कि एक किसान के रूप में उनके बीच पहुंचे हैं।

अभय चौटाला भी राजनीति चमकाने पहुंचे किसानों के बीच, कहा विधायक नहीं बल्कि किसान बन के आया हूँ

उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार जब यह तीन कृषि अध्यादेश लेकर आई थी इनेलो पहली पार्टी थी जिसने इन बिलों के विरोधस्वरूप प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर मांग की थी कि इन बिलों को सरकार वापिस ले। उन्होंने कहा कि इनेलो एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसने विधानसभा सत्र में इन बिलों के खिलाफ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा और सदन में खुलकर विरोध किया था जिस कारण विधान सभा में सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के किसी भी नेता ने इन बिलों के विरोध में एक शब्द भी नहीं कहा और वॉकआऊट कर सदन से बाहर चले गए थे।

अभय चौटाला भी राजनीति चमकाने पहुंचे किसानों के बीच, कहा विधायक नहीं बल्कि किसान बन के आया हूँ

इनेलो नेता ने कहा कि 8 दिसंबर के भारत बंद को देश के सभी वर्गों का समर्थन मिला जिस कारण बंद पूर्ण रूप से सफल रहा। आज देश का अन्नदाता शान्तिपूर्वक अपनी बात सरकार के सामने रखना चाहता है लेकिन सरकार उनकी बात सुनने के बजाय उस किसान को आंदोलन करने पर मजबूर कर रही है। सरकार अन्न्दाता के साथ अन्याय कर रही है और वह सरकार में बैठे लोगों से कहना चाहते हैं कि आपने अन्नदाता को बहुत परेशान कर लिया अब या तो सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार कर ले नहीं तो जो राज बनाना जानता है वो राज छीनना भी जानता है।

अभय चौटाला भी राजनीति चमकाने पहुंचे किसानों के बीच, कहा विधायक नहीं बल्कि किसान बन के आया हूँ

धरना स्थलों पर किसानों द्वारा कांग्रेस नेताओं का विरोध करने पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता धरना स्थलों पर राजनीति करने जाते हैं इसलिए किसान उनका विरोध कर रहे हैं। हमारा कार्यकर्ता हजारों की तादाद में किसानों के साथ धरनों पर कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं। हम किसान संगठन के झंडे के नीचे धरनों पर बैठे हैं और वहां पर लोकदल पार्टी या राजनीति की कोई बात नहीं करते। सरकार ने जब भी किसानों के पर जुल्म किया है इनेलो का एक-एक कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा रहा है। जब तक किसान पूर्ण रूप से सहमत होकर धरना खत्म नहीं कर देता हमारी पार्टी का कार्यकर्ता घर परिवार को छोड़ कर वालंटीयर के रूप में किसानों के लिए खड़ा रहेगा।