स्वस्थ रहो मस्त रहो यह सिर्फ एक नारा नहीं बल्कि 21वीं सदी में भारत के लिए स्वास्थ्य का मंत्र है स्वस्थ रहने की कितनी जरूरत है। इस बात पर बारंबार चर्चा की जा चुकी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योग गुरु बाबा रामदेव के साथ मिलकर एक ही सुर में स्वस्थ, निरोग और पुष्ट रहने का महत्व अनेकों बार जनता को बताया है। इसके चलते अब फरीदाबाद जिले में स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं के लिहाज से काफी सुधार हुए भी हैं और निरंतर सुधार कार्य चल रहे हैं।
बता दें कि मरीजों को पहले की अपेक्षा अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। स्वास्थ्य केंद्र के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी जुगाड़ से व्यवस्थाओं को बनाते हुए मरीजों को हर संभव चिकित्सा देने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं। कुछ पैरामीटर्स पर यह प्रयास फेल होते नजर आ रहे हैं और जरूरत है की पैरामेडिकल स्टाफ के साथ मेडिकल इंस्ट्रूमेंट भी बढ़ाए जाएं। शहर के आयुष्मान वैलनेस सेंटर में अगर कोई भी डॉक्टर छुट्टी पर चला जाए तो स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती।
डबुआ कॉलोनी वैलनेस सेंटर की प्रभारी डॉ शिवा बीते दिन छुट्टी पर थी मगर उनकी जगह अन्य कोई डॉक्टर सेंटर में उपलब्ध नहीं था। ऐसे में गांव सारण के सेंटर पर कई मरीजों की ओपीडी कार्ड भी नहीं बनाए गए। इसके बारे में सेंटर की प्रभारी डॉ प्रियंका अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि कोरोना जांच के लिए शिविर लगाया गया था और अधिकतर स्टाफ के मेंबर नहीं व्यस्त थे। कोरोना जांच कराने के बाद ही पंजीकरण कार्ड बनवाने को कहा गया था।
ऐसे में स्वास्थ्य सुविधा पर भी बड़े सवाल उठते हैं स्वास्थ्य केंद्र परिसर में चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य स्टाफ के लिए क्वार्टर बने हैं। लेकिन वह बहुत जर्जर हालत में है इन क्वार्टर को कंडम घोषित किया जा चुका है लेकिन इन्हें तोड़कर नए क्वार्टर भी नहीं बनाए गए हैं। कर्मचारी दल के माहौल में रहने को मजबूर है ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सुधार की कितनी आवश्यकता है इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं।