मौसम के बदलते मिजाज के साथ अब सीज़न की पहली बरसात होने की संभावना जताई जा रही है। बारिश होने के आसार जताये जा रहे हैं जिससे किसान बेहद खुश हैं और उपरवाले से यही दुआ कर रहे हैं कि मौसम की पहली बौछार जल्द पड़े। दरअसल, मौसम ने करवट ली है और साथ ही बारिश के कारण न सिर्फ मौसम में ठंड बढ़ेगी जिसका लोग लुत्फ़ उठा सकते हैं साथ ही बारिश से किसानों की फसल को काफी लाभ होता है।
बता दें कि रबी की बोआई का काम अब निपट चुका है और गेहूं की फसल में पहला पानी (भूड) भरने का काम शुरू हो चुका है। किसानों का मानना है कि अभी तक दिसंबर के महीने में सर्दी की पहली बारिश भी नहीं हुई है जिसके कारण गेहूं के अनुकूल सर्दी भी नहीं पड़ी है। इतना ही नहीं, दिन में मौसम काफी गर्म रहता है जिससे फसल खिल नहीं रही है। साथ ही, शुक्रवार की सुबह आसमान में काले बादलों की घटा छायी रही जिससे यह संभवना जताई जा रही थी कि बरसात हो सकती है।
मौसम विभाग की वेदर रिपोर्ट के मुताबिक़ शनिवार को हलकी बारिश और बूंदाबांदी होने की संभावना है। साथ ही, आपको यह भी बता दें कि रबी के मौसम में सबसे ज़्यादा किसानों ने गेहूं की फसल की बोआई की है। जिले में 25 हज़ार हेक्टर भूमि पर गेहूं की बोआई की है। बारिश न हुई तो ज्यादातर किसानों को खेतों में पानी लगाना पड़ेगा। यदि बूंदाबांदी होती है तो ये फसल के लिए खाद का काम करेगा।
क्षेत्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डॉ. आनंद कुमार का कहना है कि शनिवार को अगर बारिश होती है तो फसलों को काफी लाभ होगा जिससे किसानों को भी अच्छा दाम मिल पायेगा। साथ ही गाजर के जो खेत खाली हो रहे हैं, उनमें किसान गेहूं की बोआई कर रहे हैं।