हरियाणा किसान आयोग के प्रधान ने दी किसानों को यह सलाह, बोले MSP पर लड़ने से पहले इस बात पर दें ध्यान

0
344

हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र सरकार द्वारा अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए दिसंबर की सड़कों पर काटने के लिए मजबूर हो गए हैं। किसानों का मानना है कि केंद्र द्वारा जो कृषि अध्यादेश पारित किए गए हैं वे किसानों के हित में नहीं बल्कि पूंजी पतियों की जेब भरने वाले हैं। ऐसे में किसानों का यह मुद्दा जैसे-जैसे सर्वव्यापी होता जा रहा है। अनेकों लोग इस पर अपनी राय रख रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर के महानिदेशक रह चुके और हरियाणा किसान आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ. एस परोदा ने किसानों के आंदोलन के चलते एक बड़ी सलाह दी है।

हरियाणा किसान आयोग के प्रधान ने दी किसानों को यह सलाह, बोले MSP पर लड़ने से पहले इस बात पर दें ध्यान

डॉक्टर परोदा का कहना है कि पहले तो किस सभी किसानों को सरकार द्वारा पारित या देशों को पढ़ने और उनका अध्ययन करने की जरूरत है। बिना पढ़े किसानों को अधूरा और अपर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है। जो उनके खुद के लिए और समाज के लिए हानिकारक है। इतना ही नहीं डॉक्टर पर्दा का यह भी कहना है कि किसानों को एमएसपी से ज्यादा खरीदारों की जरूरत है। ऐसे में किसान को खुद को जितना ज्यादा मार्केट से जुड़े उतना अच्छा होगा उनका मानना है कि जो किसान मार्केट से जुड़ गया उसकी नैया पार हो गई इसीलिए न्यूनतम समर्थन मूल्य मिनिमम सपोर्ट प्राइस से जरूरी है।

हरियाणा किसान आयोग के प्रधान ने दी किसानों को यह सलाह, बोले MSP पर लड़ने से पहले इस बात पर दें ध्यान

खरीदार का मिलना बता दें कि किसानों और सरकार के बीच निरंतर गतिरोध और टकराव की स्थिति बनी हुई है। जिसके चलते कई दिनों से खींचातानी हो रही है। सरकार द्वारा छठे स्तर की बैठक भी बेनतीजा रही जिसके बाद किसानों का यह प्रदर्शन और ज्यादा प्रचंड और उग्र होता जा रहा है। वहीं हरियाणा की हुड्डा सरकार के समय डॉ. आर एस परोदा किसान आयोग के चेयरमैन रहे थे और उन्होंने समाज कल्याण और देश हित में काफी योगदान दिया था।

हरियाणा किसान आयोग के प्रधान ने दी किसानों को यह सलाह, बोले MSP पर लड़ने से पहले इस बात पर दें ध्यान

ऐसे में अपनी कृषि जगत को दी हुई सेवाओं को आज भी याद करते हुए डॉ. परोदा ने किसानों को यह बड़ी सलाह दी है। बता दें कि डॉ. परोदा को 1998 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में कृषि के क्षेत्र में बेहतरीन कार्यों के लिए पद्मा विभूषण सम्मान से अलंकृत किया गया था।