उपायुक्त यशपाल ने कहा कि कोरोना पाॅजीटिव मामलों में संपर्क लोगों की पहचान तथा क्वारेंटाइन करने के बाद उनकी निगरानी सही प्रकार से होनी चाहिए। किसी भी परिस्थिति में क्वारेंटाइन किए व्यक्ति को बाहर न आने दें। इनकी लगातार माॅनीटिरिंग की जाए।
उपायुक्त सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सभी को जीरो टोलरेंस नीति पर काम करना होगा। जिन क्षेत्रों से अधिक मामले आएं हैं, वहां पर सर्वे का काम पूरी गंभीरता के साथ पूरा किया जाए। कंटेनमेंट जोन व साथ लगते बफर जोन में सभी घरों में आईएलआई के पैसंेट की पहचान की जाए। अभी तक जिला में मरीजों व उनके संपर्क में रहे लोगों को जल्दी ट्रैस किया गया, जिस कारण कोरोना के फैलाव पर काफी नियंत्रण रहा। स्वास्थ्य विभाग की टीमें इसी प्रकार कार्य करती रहें, ताकि जिला में कोरोना के मामलों में कमी आए।
आईएलआई के मरीजों की पहचान के लिए जो भी सोर्स तैयार किए गए हैं, उनसे निरंतर संपर्क किया जाए तथा उनके क्षेत्रों में ऐसे पैसेंट का पता चलता है तो उसे तुरंत निगरानी में लिया जाए। इसी प्रकार सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए जाएं कि वे अपने अस्पताल को प्रतिदिन अच्छी तरह से सेनेटाइज अवश्य करवाएं। कोरोना को एक चैलेंज के रूप में लें तथा इसे हर हालत में जिला में खत्म करने का प्रयास करें। सभी प्रकार की एसओपी तैयार हो चुकी है। इस एसओपी के अनुसार कार्य करते रहेंगे तो निश्चित ही हम बेहतरी की और आएंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र के एसडीएम कंटेनमेंट जोन में वेंडर्स की लिमिट तय कर दें। उन्होंने कहा कि जिन प्रवासी लोगों को बाहर भेजा जाना है, उनका मेडिकल चेकअप कर उन्हें सर्टिफिकेट अवश्य दिया जाए। सभी बसों को भी सेनेटाइन करवाया जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त आरके सिंह, एसडीएम फरीदाबाद अमित कुमार, एसडीएम बल्लबगढ़ त्रिलोकचंद, एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त सतबीर मान, सीटीएम बलिना, सीएमओ डा. कृष्ण कुमार, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राकेश मोर, उप सिविल सर्जन डा. रामभगत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।