सोमवती अमावस्या के दिन शिव की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं अबकी बार सोमवती अमावस्या 14 दिसंबर को हैं। कई महिलाएं सोमवती अमावस्या के दिन व्रत भी रखती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन व्रत करने से पति और बच्चे की आयु अधिक हो जाती है।
सोमवती अमावस्या से एक प्रचलित कथा भी जुड़ी हुई है जो कि महाभारत काल की है। कथा के अनुसार एक बार भीष्म ने युधिष्ठिर से कहा था कि अगर सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाए तो सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
साथ में ही सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। तब से ही सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नानं करने की प्रथा प्रचलित हो गई है।
व्रत करने की पूजा विधि-
सोमवती अमावस्या के दिन सोमवार होता हैं इसलिए सुबह स्नान करने के बाद शिवजी की पूजा करें। शिव पर जल अर्पित करें। शिव के अलावा इस दिन विष्णु जी की भी पूजा करें और उनसे जुड़े मन्त्रो का जाप करें। पूजा करते समय आप व्रत रखने का संकल्प लें।
संकल्प लेने हेतु सबसे पहले अपने हाथ में फूल, चावल और जल ले लें फिर अपने मन में संकल्प लें संकल्प लेने के बाद हाथ में रखे फूल, चावल व जल धरती पर रख दे। फिर पूजा शुरू करदे। शाम को पीपल के पेड़ के पास जाकर दीपक जला दें।
सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती हैं। पीपल के पेड़ की पूजा करते समय पेड़ की परिक्रमा जरूर करे। अगले दिन सुबह फिर से भगवान की पूजा करें और अपना व्रत तोड़ दे।
पूजन के दौरान न करें ये गलतियां –
तुलसी के पत्तो को ना तोड़े। अगर व्रत रखा है तो केवल दूध या फल का ही सेवन करें। घर में प्याज लहसुन वाला खाना न खाएं। किसी व्यक्ति का अपमान न करें।
Written by- Sonali chauhan.