नगर निगम के कार्यों के बारे में सब बखूबी से रूबरू होंगे ।निगम के सभी वादे घर से बाहर निकलते ही पता लग जाता है कि निगम अपने वादों पर कितनी खरी उतरी है और कितनी नही ।
नगरनिगम बार-बार बैठकें कर दावा करता रहा कि दिवाली तक बारिश से खराब हुई शहर की सभी सड़कें दुरुस्त कर दी जाएंगी लेकिन दीपावली का त्यौहार जाने के बाद भी शहर के इलाकों के लोग अब भी उधड़ी सड़कों की धूल खाने को मजबूर हो रहे हैं। दीपावली मेले से पहले शहर की मुख्य कॉलोनी जो तीन महीने से खराब है , ठीक करने के लिए इस सड़क को खोदा गया था परंतु अभी तक इस सड़क का कार्य अधूरा ही पड़ा है । निगम और यूआईटी ने कम समय में बला टालने की नियत से शहरभर में पेचवर्क तो किए पर व्यवस्थित नहीं होने के चलते शहरवासियों को परेशानी हो रही है। कहीं बरसात में उधड़ी सड़कों से गली-मोहल्लों के हाल खराब हैं तो कहीं पाइप-लाइनें डालने के चलते सड़कें खोदी गई थी और वहां मलबा, गड्ढे पड़े हैं।
लाइनें डालने के बाद सड़कों को इस तरह ढंका गया है कि कोई वाहन उस पर से गुजरे तो आसानी से नहीं निकल सके। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि इतनी पीड़ा और प्रदूषण झेलने के बावजूद सड़कों की मरम्मत क्यों नहीं हो सकी है। इस बारे महापौर का कहना है कि सड़क समय पर नहीं सुधरी तो कार्रवाई करने का एकमात्र विकल्प बचेगा। इनकी तनख्वाह और पैसे रोक लेंगे।
करीब 25 लाख की लागत से सड़क बनाई जानी है ।इसके ठेकेदार चंद्रसेन है ।अचंभे की बात तो यह है कि दो बार ठेकेदार इस सड़क पर पत्थर डाल चुके है और दो बार खोद चुके है ।लेकिन अब तक इस सड़क के निर्माण का कार्य पूरा नही हुआ है ।
सड़क को बार बार खोदने की वजह से सड़क का ढलान नीच हो गया है जिसकी वजह से लोगो के घरों में पानी भर जाता है ।यह सड़क शहर की सबसे बड़ी मंडी को जोड़ती है ।