वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व को कोरोना रूपी वैश्विक महामारी ने अपनी चपेट में लिया हुआ है जिस कारण अभी तक लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और यह महामारी भारत देश में भी तेजी से बढ़ रही है जिसके कारण अभी तक भारत में 70 हजार से अधिक पॉजिटिव मामले इस वायरस के संक्रमित मरीजों के सामने आ चुके हैं।
बात की जाए हरियाणा के फरीदाबाद जिले कि तो फरीदाबाद में इस महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या 110 के करीब है और अभी तक 4 लोग इस महामारी के कारण अपनी जान गवा चुके हैं।
फरीदाबाद जिले में बढ़ते कोरोना के मामलों को जिला प्रशासन गंभीरता से लेते हुए काफी सख्त एवं कड़े कदम उठा रहा है जिससे इस महामारी को जल्द से जल्द नियंत्रण में कर जनसामान्य के जीवन को वापस से पटरी पर लाया जा सके।
लोगों का हौसला अफजाई करने के लिए फरीदाबाद जिला उपायुक्त रोजाना इस महामारी से जुड़ी जिले में घटित होने वाली छोटी से बड़ी घटनाओं की जानकारी एवं जिला प्रशासन द्वारा कि जा रही कार्यवाही की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए जनता को उपलब्ध कराते रहते हैं ताकि लोगों का जिला प्रशासन के प्रति विश्वास बना रहे और वे बिना पैनिक हुए दिए जा रहे सभी सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक होकर उनका पालन कर सकें।
इसी के चलते फरीदाबाद जिला उपायुक्त के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि लॉक डाउन लगाने से क्या फायदा हुआ है और यदि लॉक डाउन नहीं लगाया जाता तो इसके क्या क्या नुकसान हो सकते थे।
लॉक डाउन के लाभ:-
फरीदाबाद जिलाधीश ने लॉक डाउन के लाभ बताते हुए ट्वीट किया कि लॉक डाउन लगाने से पूरे भारत देश को इस महामारी से लड़ने के लिए साधन जुटाने में समय मिला जिस कारण जहां शुरुआत में इस वायरस की जांच के लिए केवल एक लैब थी वहीं अब 300 से अधिक लैब भारत देश में मौजूद है।
इसके अतिरिक्त लॉक डाउन के दौरान भारत में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए कई सफल प्रयास किए गए है जिनका लैब कोरोना मरीजों को मिला है और जिससे काफी लोगों की जान बच सकी है। इसके अतिरिक्त भी लॉक डाउन के कारण इस महामारी की चैन को तोड़ने में काफी रोक लगी है।
जिलाधीश ने बताया कि यदि लॉक डाउन नहीं होता तो आज भारत में भी इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या अन्य विकसित देशों की भांति होती और मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी काफी ज्यादा होता। लॉक डाउन के दौरान भारत में इस वायरस पर काफी हद तक लगाम लगाई है और अधिक मामले सामने आने का कारण भी यही है कि अब भारत में बड़े पैमाने पर लोगों की जांच की जा रही है।