नगर निगम की लापरवाही किसी से छुपी नहीं है। आए दिन नगर निगम के महकमे से कोई न कोई खबर सामने आ जाती है जिससे निगम की पोल खुल जाती है। इस बार निगम की लापरवाही का खामियाजा शहर के बीस सेक्टर और कॉलोनियों को भुगतना पड़ रहा है।
नगर निगम के मंद पड़े काम के कारण क्षेत्र की आवाम को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि फिलहाल रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही जिससे सभी को मुश्किलें झेलनी पड़ रही है। नगर निगम द्वारा सम्पत्तियों का विशेष आईडी तैयार नहीं किया गया है।
फिलहाल नगर निगम ने अस्थाई रूप से भी आईडी जारी नहीं की है इस वजह से जनता को रजिस्ट्री करवाने में काफी परेशानी हो रही है। इस बारे में कई बार रियल इस्टेट कारोबारी नगर निगम में अपनी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं और जिला उपायुक्त के संज्ञान में भी इस पूरे मामले को लाया जा चुका है।
अब थक हार के कारोबारियों को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से बात करनी पड़ी। जिले में करीब बीस जिले ऐसे हैं जहां रजिस्ट्री के लिए आईडी नहीं बनी है। नगर निगम की लापरवाही के चलते सेक्टर 62, 64, 65 आदि में प्रॉपर्टी आईडी उपलब्ध नहीं है।
इसके चलते रियल इस्टेट कारोबारियों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। रजिस्ट्री ना होने के कारण रियल इस्टेट कारोबारियों के सिर पर मुसीबतों का पहाड़ टूट चुका है अब उन्हें ही पूरे मामले को लेकर जवाबदेही करनी पड़ रही है।
सम्पत्तियों का डाटा अपडेट नहीं
कारोबारियों का कहना है कि नगर निगम में सम्पत्तियों का डाटा अपडेट नहीं होने से रजिस्ट्री नहीं होती है। बीते तीन महीनों से नगर निगम अधिकारियों को बार बार निवेदन करते हैं। सिस्टम में कागजात अपलोड करने पर करीब बीस इलाकों की संपत्ति आईडी नहीं मिली जिसका खामियाजा अब डीलरों को उठाना पड़ रहा है। जिले के सभी तहसीलों और उपतहसीलों में रजिस्ट्री कराने वाले लोग परेशान होते हैं।