आंदोलन में आए किसान को लगी लाखों की चपत, जेब मे लेकर घूम रहा था इतना मंहगा सामान

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किसान आंदोलन ने पूरे देश में त्राहिमाम मचाया हुआ है। उत्तरी दिल्ली के साथ सटे सिंघु बॉर्डर के अलावा दिल्ली-एनसीआर के अन्य बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है।

हरियाणा के पलवल जिले के पास बने केएमपी एक्सप्रेसवे पर और नॉएडा में भी कृषि कानूनों के खिलाफ किसान समुदाय प्रदर्शन कर रहा है। कुछ दिन पहले ग्रेटर नॉएडा में भी किसान आंदोलन की तर्ज पर प्रदर्शन किया जा रहा था।

आंदोलन में आए किसान को लगी लाखों की चपत, जेब मे लेकर घूम रहा था इतना मंहगा सामान

इस प्रदर्शन में सबसे खास रहा महिला नेता गीता भाटी द्वारा मोदी सरकार पर साधा गया इल्जाम। गीता भाटी ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार नहीं चाहती कि मैं आंदोलन में शामिल होऊं इसलिए उन्होंने मेरी चप्पल चुराई है।

आंदोलन में आए किसान को लगी लाखों की चपत, जेब मे लेकर घूम रहा था इतना मंहगा सामान

साथ ही साथ उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में पैदल मार्च करना चाहती थी पर सरकार ने मेरी सैंडल चुरा ली है जिसके चलते में आंदोलन में आगे नहीं बड़ पा रही हूँ।

आंदोलन में आए किसान को लगी लाखों की चपत, जेब मे लेकर घूम रहा था इतना मंहगा सामान

गीता द्वारा दिए गए बयान पर हर किसी ने उनकी खिल्ली उड़ाई थी। उनके द्वारा बनाया गया वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। अब किसान आंदोलन से जुड़ी एक और विचित्र खबर सामने आई है।

आंदोलन में आए किसान को लगी लाखों की चपत, जेब मे लेकर घूम रहा था इतना मंहगा सामान

गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के चलते एक किसान को लाखों का नुक्सान झेलना पड़ रहा है। कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले एक किसान की जेब से तकरीबन डेढ़ लाख रुपये का मोबाइल फोन गायब हो गया।

बताया जा रहा है कि जो फोन गुम हुआ है वो आईफोन मैक्स प्रो है जिसकी कीमत बहुत ज्यादा है। अब जिन लोगों को इस खबर के बारे में पता लगा है वह आंदोलनकारी किसानों को बार बार ट्रोल कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक किसान होकर अपने जूते चप्पल और फोन के लिए रोने वाले लोग नाटकार है।

आंदोलन में आए किसान को लगी लाखों की चपत, जेब मे लेकर घूम रहा था इतना मंहगा सामान

बता दें कि कुछ दिन पूर्व जब आंदोलन से पिज्जा खाते और मसाज कराते किसानों की तस्वीरें सामने आई थीं तब उन्हें जमकर ट्रोल किया गया था। किसान बिल के समर्थकों का कहना था कि जो लोग आंदोलन में बौठे हैं वो बहुत बड़े नाटकार है।

ट्रोलर्स का कहना है कि आंदोलनकारी अब इस पूरे मामले को लेकर अपनी तूती बाबर रहे हैं। फिलहाल किसान आंदोलन से पीछे हटने के लिए राजी नहीं हैं।

उनका कहना है कि जब तक सरकार तीनों बिलों को वापस नहीं लेती तब तक किसान समुदाय अडिग रहेगा और पीछे नहीं हटेगा।