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शहर में छूट मिलते ही , सड़कों पर वाहनों की कतार लग चुकी है ।

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लॉकडाउन 3 के दौरान फरीदाबाद में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती नज़र आ रही है । लेकिन फिर भी लोग बिना वजह सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं , शायद उन्हें बीमारी से डर नहीं लग रहा ।

फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोज़ाना 85 से अधिक वाहनों के पुलिस चालान कर रही है। इन आकंड़ों को देख कर आप अंदाज़ा लगा सकते है कि किस प्रकार लोगों में अभी भी। इस बीमारी का कोई डर नहीं है । रोज करीब 40 हजार रुपए का जुर्माना ठोका जा रहा।

रोड सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े लोगों की मानें तो एक सप्ताह में सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव तेजी से बढ़ा है। इन दिनों शहर की सड़कों पर लॉक डाउन 1 के अतिरिक्त 40 से 42 फीसदी तक वाहन सड़कों पर उतर चुके हैं। पुलिस द्वारा कई स्थानों से नाके हटा लेने व लोगों को रोकना बंद करने के कारण ये हालात पैदा हुए हैं।

25 मार्च से अब तक 4029 वाहनों के चालान व 502 वाहनों को जब्त भी किया जा चुके हैं। करीब 18 लाख 236 रुपए का जुर्माने भी वसूल चुके हैं।

हमारे कुछ पाठक जी आवश्यक सामग्री के लिए बाहर निकलते है वो भी इस बात को नहीं झुठला सकते की लोगों में अब फरीदाबाद के कई लोगो में कोरोना का दर ख़तम हो चुका है ।लेकिन फिर भी यदि आंखों देखा हाल देखना हो तो , नेशनल हाईवे से लेकर शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर वाहनों की कतार आसानी से देखी जा सकती है।

शहर की सड़कों पर कई जगह पुलिस के नाके तो लगे नजर आ रहे हैं लेकिन वहां तैनात पुलिसकर्मी अब दिखाई नहीं दे रहे। वहीं बेलगाम ऑटो चालक सवारियों को ढोना भी शुरू कर दिया है। लेकिन भला वो भी क्या करे कितने दिन घर में रहें क्योंकि सरकार सुविधाएं तो पहुंच नहीं रही उन तक । शहर में अभी लॉकडाउन लागू है। ट्रैफिक पुलिस लगातार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। लेकिन फिर भी लोग नहीं मान रहे ।

देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए लॉक डाउन का हटाना जरूरी हो चुका है क्योंकि गरीब तबका इस निर्णय से काफी प्रभावित हो चुका है कई मजदूरों कि तो घर जाने के तड़प में जान भी चली गई । इसलिए आप को खुद का रक्षक खुद बनना होगा , कोरोना से बचने के लिए सावधानी खुद बरतनी होगी।

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