1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत के वीरों की वीरगाथा से कोई भी अन्जान नही है. जिसमें पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इन वीरों में से एक वीर फरीदाबाद के भी है जिन्होनें अपनी बहादुरी से पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिये थे. 74 वर्षीय सेवानिवृत कैप्टन पीएल नाहर इस युद्ध का हिस्सा थे।
कैप्टन पीएल नाहर और उनके साथ भारतीय सेना के अन्य वीरों ने 14 दिन में पाकिस्तान के 2000 सैनिकों को धूल चटा दी थी. यहां तक की उन्होनें अपने साथियों के साथ मिलकर पाकिस्तान के 50 सैनिकों को भी बंधक बना लिया था. इस युद्ध को याद करके नाहर खुद पर गर्व महसूस करतें है.
सेवानिवृत्त कैप्टन पीएल नाहर बताते हैं कि 3 दिसबंर 1971 को वो जम्मू-कश्मीर के छंबजोडिंया में तैनात थे. उन्होंने बताया कि एक ऐसा समय आया कि जब वो दुश्मन से मात्र 200 मीटर की दूरी पर थे. कड़ाके की ठंड थी. लेकिन देश की जीत के लिए का जज़्बा इतना था कि ठंड की परवाह भारत के किसी वीर को नही थी.
1971 के युद्ध मे नाहर की उम्र सिर्फ 26 वर्ष की थी. उनके पास सोने तक का वक्त नही होता था, क्यों कि दुश्मन की हरकतों पर नज़र बनाए रखने की जिम्मेदारी उनके कंधो पर थी. उन्होंने बताया कि युद्द के वो 14 दिन 14 वर्षो के बराबर थे.
सेवानिवृत्त कैप्टन पीएल नाहर पेड़ो से छुपकर दुश्मन पर नज़र रखतें थे. दुश्मन के कितने बंकर, नफरी बने हुए है आदि का रिकॉर्ड तैयार करते थे. उन्होंने बताया कि उनकी दी गई सूचना के आधार पर 14 दिनों में पाकिस्तान के 2000 सैनिको को भारतीय सेना ने मार गिराया था।