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मौजूदा समय में हर नुक्कड़, चौराहे, झुग्गी, झोपड़ी और दमघोटु इमारतों में एक ही बात हो रही है कि किसानों का यह आंदोलन आखिर थमेगा तो कब और कैसे। इन दिनों पंजाब और हरियाणा हजारों किसान दिसंबर की सर्द रातें सड़कों पर काटने को मजबूर है। दरअसल किसानों का मानना है कि सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि अध्यादेश किसानों के हित में नहीं बल्कि पूंजी पतियों की जेब भरने वाले हैं। ऐसे में काफी लंबे समय से यह किसान आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर प्रचंड रूप लिए हुआ है।
इस बीच हरियाणा के अंबाला के अधूरी कस्बे में रहने वाली एक महिला काफी चर्चा बटोर रही है। बताया जा रहा है कि इस महिला का नाम अमरजीत कौर है और इसकी उम्र 9 साल है। बता दें कि अमरजीत जब 18 साल की थी तभी उनके पिता गंभीर बीमारी की चपेट में आ गए। अमरजीत का कहना है कि उनका पूरा परिवार खेती पर आश्रित है और पिता के बीमार होने के बाद अमरजीत कौर ने खेत की जिम्मेदारी संभाली और तभी से अपने परिवार का पूरा खर्च उठा रही है।
अमरजीत के परिवार वालों का कहना है कि यह अमरजीत की मेहनत का ही नतीजा है कि आज उनके छोटे भाई इतने पढ़ लिख गए हैं कि अब सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं अमरजीत ने भाई बहनों को तो पढ़ाया ही साथ में अपने पढ़ने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी। बता दें कि अमरजीत कौर m.a. तक पढ़ी हुई है। अमरजीत का कहना है कि 18 साल की उम्र से ही फसल बोते हैं और उसके तैयार होने से लेकर कटाई तक का सारा काम करती वह कराती है।
खेत की देखरेख से लेकर खेतों में खुद कस्सी और हल चलाना भी अमरजीत को बखूबी आता है। इतना ही नहीं ट्रैक्टर चलाना और पशुओं को चारा देना भी उनको बहुत पसंद है। अमरजीत के काम को देखते हुए उनसे यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका का एक डेलिगेशन मिलने आया और अमरजीत के काम को देख कर काफी प्रभावित हुआ। इतना ही नहीं आसपास के जिले और गांव के लोग भी अमरजीत के पास सलाह मशवरा लेने आते हैं।