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किसानों का दर्द नहीं देख पाए गुरुद्वारे के संत, खुद को गोली मारकर मोदी सरकार के नाम लिखी यह चिट्ठी

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लगातार चल रहे किसान आंदोलन के चलते एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में 65 वर्षीय संत बाबा राम सिंह ने खुदकुशी कर ली है।

बाबा राम करनाल के सिंघरा गांव के रहने वाले थे। सिंघरा के ही गुरुद्वारा साहिब नानकसर के ग्रंथी थे। आपको बता दें कि बाबा राम के अनुयाइयों की तादाद लाखों में बताई जा रही है। उनके भक्त इस खबर के सामने आने के बाद दुखी हो चुके हैं।

किसानों का दर्द नहीं देख पाए गुरुद्वारे के संत, खुद को गोली मारकर मोदी सरकार के नाम लिखी यह चिट्ठी

संत राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या की है साथ ही साथ गुरुमुखी में लिखा हुआ एक सुसाइड नोट छोड़ा है। अपने द्वारा लिखे गए पैगाम में लिखा है कि यह जुल्म के खिलाफ एक आवाज है।

किसानों का दर्द नहीं देख पाए गुरुद्वारे के संत, खुद को गोली मारकर मोदी सरकार के नाम लिखी यह चिट्ठी

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बाबा राम की खुदकुशी पर दुख व्यक्त किया है। संत राम सिंह ने कोंडली बॉर्डर पर खुदकुशी कर ली है। हादसे के बाद उन्हें लोग पानीपत के पॉर्क अस्पताल लेकर पहुंचे।

अस्पताल पहुँचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका शव करनाल ले जाया जा चुका है। राम सिंह बुधवार को साथी किसानों के साथ कार से कोंडली बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने पहुंचे थे।

किसानों का दर्द नहीं देख पाए गुरुद्वारे के संत, खुद को गोली मारकर मोदी सरकार के नाम लिखी यह चिट्ठी

उनके साथी गुरमीत ने बताया कि राम सिंह ने सभी को कहा था कि तुम स्टेज पर जाकर अरदास करो। गुरमीत ने कहा- जैसे ही मैं अरदास करने मंच पर गया और कार का चालक चाय पीने गया उसी दौरान उन्होंने खुद को गोली मार ली।

आपको बता दें कि किसान आंदोलन में प्रदर्शन कर रहे किसानो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार गिर रहे पारे के बीच किसानों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि कई किसानों की मृत्यु आंदोलन के दौरान हो चुकी है।

ऐसे में सरकार के ऊपर भी दबाव बना हुआ है कि कैसे महामारी के इस दौर में किसानों का संरक्षण किया जाए। किसान समुदाय अपनी मांग को लेकर अडिग है और पीछे हटने को तैयार नहीं है।

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