HomeGovernmentप्रधान मंत्री के संबोधन की 10 सबसे खास बातें

प्रधान मंत्री के संबोधन की 10 सबसे खास बातें

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर लॉकडाउन के बीच देश को संबोधित किया। उन्‍होंने जहां एक तरफ केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा कोरोना संकट को दूर करने के उपायों और फैसलों की सराहना की वहीं देशवासियों का भी धन्‍यवाद किया। इस संबोधन के केंद्र में उनके द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज का एलान रहा।

इतना ही नहीं उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया है कि लॉकडाउन 4 एक नए रंग रूप में होगा जिसके नियम कायदे 18 मई से पहले देशवासियों को बता दिए जाएंगे। पीएम मोदी के इस संबोधन में देश को आर्थिक मजबूती देने का रोड़मैप भी था। उन्‍होंने इस संबो‍धन से पहले ही राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों से कोरोना पर बैठक की थी और उनसे उनके विचार जाने थे। आइए जानते हैं उनके संबोधन की कुछ अहम बातें। 

पीएम मोदी ने इस संबोधन में देश को इस संकट की घड़ी को अवसर में बदलने का रोड़मैप दिखाया। उन्‍होंने इस लक्ष्‍य को पाने के लिए देश के हर वर्ग को ध्‍यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। उन्‍होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों के अंदर वित्‍तमंत्री चरणबद्ध तरीके से इसका एलान करेंगी। इसमें देश के किसानों, मजदूरों, उद्योगों समेत सभी के लिए कुछ न कुछ होगा।

अब तक लगे लॉकडाउन के दौरान हमारे देश के मजदूरों, रेहड़ी वालों और उन लोगों ने जिनका काम रोज कमाना खाना रहा है सबसे ज्‍यादा मुसीबत झेली है। अब वक्‍त आ गया है कि हम सब मिलकर उनके लिए कुछ करें और उन्‍हें मजबूती प्रदान करें।

पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन 4 का एकदम नया रंगरूप होगा। इस लॉकडाउन हर देशवासी नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए देश को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए काम करेगा। हर कोई अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहेगा साथ ही अपने करीबियों की भी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। लॉकडाउन पर फैसले के लिए राज्‍यों से भी सुझाव मांगे गए थे। 18 मई से पहले लॉकडाउन 4 के नए नियमों को भी पूरी तरह से सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

कोरोना संकट के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान भारत में आत्‍मनिर्भर बनने की तरफ कदम बढ़ाया है। कोरोना संकट से पहले जहां नाममात्र की पीपीई किट और एन95 मास्‍क भारत में बना करते थे वहीं अब हम हर रोज दो लाख पीपीई और इतने ही एन95 मास्‍क बना रहे हैं। हमनें इस दौरान अपने लोकल ब्रांड की तरफ सफलतापूर्वक कदम बढ़ाया है।

वहीं हमारे लोकल ब्रांड ने देश की मांग को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब समय आ गया है कि हम इन लोकल ब्रांड को ज्‍यादा से ज्‍यादा अपनाएं और इन्‍में मजबूत बनाएं। उन्‍होंने कहा कि दुनिया के कई बड़े ब्रांड जिनका हम आज गर्व के साथ उपयोग करते हैं कभी लोकल ही थे।

लेकिन वहां के लोगों ने अपनाया और उनकी सराहना की और उनका प्रचार-प्रसार भी किया। इसके बाद ही वे वैश्विक ब्रांड बन सके। अब हमें अपने लोकल ब्रांड को आगे बढ़ाना है जो देश को आत्‍मनिर्भर बनाने में मददगार साबित होगा।

उन्‍होंने कहा कि कोरोना से मुकाबला करते हुए दुनिया को चार माह से अधिक बीत चुके हैं। इस दौरान दुनिया के 42 लाख से ज्‍यादा लोग इससे पीडि़त हुए हैं और पौने 3 लाख से ज्‍यादा लोगों की दुखद मौत हुई है। भारत में भी लोगों ने अपनों को खोया है। उनके प्रति हम अपनी संवेदना प्रकट करते हैं।

एक वायरस ने दुनिया को तहस नहस कर दिया हे। विश्‍व में करोड़ों जिंदगियों को संकट का सामना करना पड़ रहा है। सारी दुनिया जिंदगी बचाने में जुटी है। हमनें ऐसा संकट पहले कभी न देखा और न ही सुना। मानव जाति के लिए ये अकल्‍पनिय है। ये संकट अभूतपूर्व है।

लेकिन इसमें भी हमें न थकना है, न हारना और बिखरना है। हमें सतर्क रहते हुए इस जंग के नियमों का पालन करते हुए खुद को बचाना भी है और आगे भी बढ़ना है। आज जब दुनिया संकट में है तो हमें अपना संकल्‍प और मजबूत करना है। हमारा संकल्‍प इस संकट से भी विराट होना चाहिए।

हम पिछली शताब्‍दी से सुनते आए हैा कि 21 वीं सदी भारत की है। कोरेाना संकट के बीच पूरी दुनिया भारत की तरफ बड़ी हसरत से देख रही है। ऐसे में हमारी जिम्‍मेदारी भी बढ़ जाती है। से स्थिति हमें सिखाती है कि इस संकट का मुकाबला केवल आत्‍मनिर्भर बनकर ही किया जा सकता है। एक राष्‍ट्र के रूप में हम आज एक अहम मोड़ पर खड़े हैं। भारत के लिए ये आपदा एक संकेत और संदेश लेकर आई है। इसमें अवसर भी है।

विश्‍व को भारत आशा की किरण के तौर पर देख रहा है। हमारी संस्‍कृति वसुधेव कुटुंबकुम है। हम जब ये बात करते हैं तो भारत आत्‍म केंद्रित की वकालत नहीं करता है। इसमें पूरी दुनिया के सुख और उसकी चिंता होती है। हम जय जगत में विश्‍वास रखते हैं।

हम पूरी दुनिया को परिवार मानते हैं। हम इस धरती को अपनी मां मानते हैं। ऐसे में जब हम आत्‍मनिभ्रर बनते है। हमारी प्रगति में विश्‍व की प्र‍गति समाहित होती है। हमारे कार्य का प्रभाव दुनिया पर पड़ता है।

खुले में शौच से मुक्‍त होने वाले भारत से दुनिया की सोच बदलती है। हमारे अभियानों का असर दुनिया पर पड़ता है। ग्‍लोबल योगा दिवस इंसान को तनाव से मुक्‍त दिलाने के लिए दुनिया को हमारा उपहार है।

जब दुनिया में Y2K का संकट छाया था तो भारत ने ही दुनिया को इससे निकाला था। आज हमारे पास साधन भी है और सामर्थ्‍य भी है। आज हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतरनी टैलेंट हें। हम अपनी क्‍वालिटी को, सप्‍लाई चेन को और बेहतर करेंगे। ये हम कर सकते हैं और हर हाल में करेंगे।

हमनें अपने सामने कच्‍छ के भीषण भूकंप को देखा है। जब पूरा कच्‍छ एक मलबे में तब्‍दील हो गया था लेकिन बाद में खुद दोबारा अपने पांव पर खड़ा हो गया।

आत्‍मनिर्भर भारत से ही पूरा होगा 21 वीं सदी को भारत की बनाने का संकल्‍प। यही नूतन पर्व भी होगा। हमें आत्‍मनिर्भर भारत बनाने से कोई नहीं रोक सकता अपने परिवार और करीबियों का ध्‍यान रखें।

वैज्ञानिक बताते हैं कि कोरोना लंबे समय तक रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं होने देना है कि इसके ही इर्द गिर्द हमारी जिंदगी सिमट जाए। हम एहतियात बरतेंगे लेकिन कामयाबी के साथ आगे बढ़ेंगे। लॉकडउान 4 नया होगा 18 मई से पहले इसकी जानकारी मिल जाएगी। नियमों का पालन करते हुए हम इस संकट से लड़ेंगे और आगे बढ़ेंगे।

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