स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में बीके अस्पताल के नाम को लेकर संशय बरकरार है। पिछले दिनों सरकारी महकमे से खबर सामने आई थी कि पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अस्पताल का नाम उनके नाम पर रख दिया जाएगा।
इस पूरे मामले को लेकर सियासत गरमा चुकी है। क्षेत्र में मौजूद तमाम विपक्षी नेता सरकार के ऊपर आरोपों की बन्दूक ताने बैठ गए हैं। विपक्ष के खेमे से यह बात सामने आई है कि सरकार इस पूरे मामले को हिन्दू मुस्लिम राजनीति का रूप देना चाहती है जिसके चलते उन्होंने अस्पताल का नाम बदलने का फैसला किया है।
जब से राज्य सरकार द्वारा अस्पताल के नाम बदलने को लेकर नोटिफिकेशन सामने आई है तभी से आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। सूत्रों की माने तो हाल फलहाल सरकार द्वारा नाम बदलने के मुद्दे को लेकर विचार विमर्श जारी है जिसके चलते नामकरण की प्रक्रिया पर विराम लगाया जा सकता है।
आपको बता दें कि अभी इस पूरे मामले को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि विपक्ष के दबाव और जनता के मत को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा नामकारण के फरमान पर रोक लगाईं जा सकती है।
बदल जाएगी पहचान
आपको बता दें कि अस्पताल के नाम को लेकर फरीदाबाद की जनता भी खुश नजर नहीं आई। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि बीके अस्पताल अब क्षेत्र की पहचान बन चुका है ऐसे में नाम बदलने का फैसला गलत प्रतीत हो रहा है। साथ ही साथ लोगों का कहना है कि नाम बदलने से बेहतर है सुविधाओं को बदला जाए।
जिस तरीके क्षेत्र में आए दिन लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है प्रशासन को जरूरत है कि उन पहलुओं पर काम किया जाए और सुधार कार्य किया जाए। आपको बता दें कि बिके अस्पताल के नाम को बदलने की बात से पूरे क्षेत्र में अलग अलग तरीके से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। देखना जरूरी होगा कि सरकार इस पूरे मामले को लेकर कैसा रुख अपनाती है।