दिसंबर और जनवरी साल के सबसे सार्ड महीने माने जाते हैं। दिसंबर के महीने में ही ठंड अपने चरम पर है और ठंडी हवा से दिल्ली-एनसीआर के लोग ठिठुर रहे हैं। पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं से लगभग एक हफ्ते से दिल्ली-एनसीआर के लोगों परेशानियां बढ़ी हुई हैं। इतना ही नहीं, 19 दिसंबर सीज़न का सबसे सर्द दिन रहा जहाँ दिल्ली के सफदरजंग केंद्र पर न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इतना ही नहीं, राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद शहर में ठंड का प्रकोप देखने को मिला जहाँ पूरे जिले में सुबह के समय स्मोग की मोटी चादर छायी हुई थी। वहीं बात अगर प्रदूषण की करें तो प्रदूषण भी इसका मुख्य कारण हो सकता है। ज्यादातर इलाकों में वायु प्रदूषण खराब स्तर पर बना हुआ है। शायद यही वजह है कि स्मोग से हुआ कोहरा इतना घना था कि सामने आने-जाने वाले वाहन भी दिखाई नहीं दे रहे थे। हालांकि जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा है तेज धूप निकल रही है लेकिन इसके बावजूद ठंड से बहुत ज्यादा राहत नहीं मिलेगी।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार दो दिन बाद ठंड से राहत मिल सकती है जिससे न्यूनतम तापमान बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही, बदलते मौसम में सेहत का ख़ास ख्याल रखने और एतियात बरतने की सख्त ज़रुरत है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में खांसी, ज़ुखाम व बुखार होना काफी आम हो जाता है और ऐसे में महामारी के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
ऐसे में, ज़रूरी है कि धूप खिलने पर सूर्य की किरणों में बैठ कर धूप का भरपूर लाभ उठायें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सूर्य की किरणों में रोग प्रतिकारक शक्ति होती है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद और लाभकारी होती है।