कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता है। यही कारण है कि 2019 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की तो कांग्रेस नेतृत्व ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कमल नाथ को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चुनाव किया।
हालांकि इस कारण बाद में एमपी कांग्रेस में असंतोष सामने आया और प्रदेश सरकार गिर गई। बता दें कि कमलनाथ की गांधी परिवार से नजदीकियां संजय गांधी के समय से है।
संजय गांधी और कमलनाथ ने देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल से पढ़ाई की है और यहीं दोनों की दोस्ती हुई। इसी वजह से बचपन से ही कमलनाथ गांधी परिवार के काफी करीब रहे हैं। सिर्फ संजय गांधी ही नहीं बल्कि, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और इंदिरा गांधी से भी उनके अच्छे रिश्ते थे।
इतना ही नहीं, कमलनाथ और संजय गांधी की दोस्ती इतनी गहरी थी कि कमलनाथ जेल जाने से भी नहीं हिचके। दरअसल, 1979 में जब इमरजेंसी के बाद पहली बार केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार बनी तो संजय गांधी को तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
इसके बाद जेल में संजय गांधी का ख्याल रखने के लिए कमलनाथ ने जज के साथ बदतमीजी की और तिहाड़ जेल पहुंच गए। आपको बता दे कि सभा के दौरान कांग्रेस की अध्यक्ष और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी युवा उद्यमी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये सिर्फ कांग्रेस नेता नहीं हैं, राजीव गांधी और संजय गांधी के बाद मेरे तीसरे बेटे हैं। ये बात कमलनाथ के लिए काफी ज्यादा अहम थी।
यही कारण है कि कमलनाथ गांधी परिवार से काफी अच्छे और गहरे संबंध रहे। इसके साथ यही बता दे कि कमलनाथ पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद बने, तबसे लगातार 2018 तक नौवीं बार छिंदवाड़ा से ही सांसद बनते रहे। जब तक इंदिरा गांधी जीवित रहीं, उन्हें ‘मां’ ही कहते रहे।