गाड़ी, ऐसी और बड़े मकान वाले मार रहे हैं गरीबों का अधिकार, चोरी से बनवा रहे हैं बीपीएल कार्ड

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नगर निगम लापरवाही का पुलिंदा बनता जा रहा है। आए दिन निगम के महकमे से लापरवाही की ख़बरें सामने आ रही है। बीपीएल सर्वे की जांच में नगर निगम द्वारा की जा रही धांध्लेबाजी सामने आ चुकी है। बीपीएल कार्ड बनवाने को लेकर किए जा रहे आवेदन की रिपोर्ट के सामने आने के बाद नगर निगम की पोल खुलती जा रही है।

आपको बता दें कि बीपीएल सर्वे में पाया गया कि तकरीबन 4325 लोग ऐसे हैं जिन्होंने गरीबों का हक मारने की कोशिश की है। ऐसे में सच सामने आने के बाद किसानों इन लोगों द्वारा किए जा रहे आवेदन पर विराम लगा दिया गया है।

गाड़ी, ऐसी और बड़े मकान वाले मार रहे हैं गरीबों का अधिकार, चोरी से बनवा रहे हैं बीपीएल कार्ड

जून 2019 तक की बात की जाए तो पहले और दुसरे चरण में 4973 लोगों ने बीपीएल सूची में नामांकन करने के लिए अपना नाम दर्ज करवाया था। इस सूची में शामिल लोगों में केवल 629 ही मुहीम के असल हकदार पाए गए। केवल 13 फीसद लोग ही आवेदन पाने के हकदार थे।

गाड़ी, ऐसी और बड़े मकान वाले मार रहे हैं गरीबों का अधिकार, चोरी से बनवा रहे हैं बीपीएल कार्ड

इन दिनों बीपीएल कार्ड बनवाने को लेकर तीसरे चरण पर पहुंचते हुए काम चल रहा है। नगर निगम के 40 वार्डों से फिलहाल 46675 आवेदन किये जा चुके हैं। इनमे से केवल 50 फीसद आवेदन को ही मानित किया गया है जिसका रेकॉर्ड जेई द्वारा बनाया जा चुका है।

गाड़ी, ऐसी और बड़े मकान वाले मार रहे हैं गरीबों का अधिकार, चोरी से बनवा रहे हैं बीपीएल कार्ड

आपको बता दें कि पहले भी बीपीएल कार्ड में होने वाले घोटालों की कई बार खबरे सामने आ चुकी हैं जिसको ध्यान में रखते हुए अब सोया हुआ निगम जाग चुका है। बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनके द्वारा की जाने वाली धांदलेबाजी के चलते असली हकदारों का हक मर जाता है।

आपको बता दें कि क्षेत्र में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हे बीपीएल कार्ड की आवश्यकता है पर उन्हें उनके हिस्से का हक़ नहीं मिल पा रहा। आपको बता दें कि बीपीएल कार्ड पाने के लिए ऐसी बहुत सारी शर्तें हैं जिन्हे ध्यान में रखते हुए आवेदन करवाए जाते हैं।

इन सभी शर्तों को ध्यान में रखते हुए की बीपीएल प्रक्रिया को मानित किया जाता है। देखना जरूरी होगा कि जिस तरीके से नगर निगम द्वारा धांध्लेबाजी चल रही है ऐसे में बीपीएल कार्ड प्रक्रिया को ईमानदार से आगे बढ़ाना फरीदाबाद नगर निगम के लिए एक बड़ा मुद्दा होगा।