पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान दिसंबर के महीने की सर्द रातें दिल्ली की सड़कों पर गुजारने को मजबूर हैं। किसानों का मानना है कि सरकार द्वारा पारित कृषि अध्यादेश किसानों के हित में नहीं बल्कि अंबानी और अडानी जैसे पूंजीपतियों की जेबें भरने वाले हैं। इसी के चलते किसान अपनी एकता, दृढ़ विश्वास, संकल्प और जज्बे के बलबूते सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
एक तरफ देश के अलग-अलग हिस्सों के किसान आंदोलन कर रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में कई ऐसे किसान भी हैं जो कामयाबी की इबारत लिखने में व्यस्त हैं। बता दें कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी कुछ ऐसे किसान हैं जो परंपरागत खेती को छोड़ नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस नई तकनीक से खेती किसानी की न सिर्फ तस्वीर बदल रहे हैं बल्कि अपनी तकदीर भी संवार रहे हैं।
किसान जयंत सिंह और राहुल मिश्रा ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर वैज्ञानिक विधि का प्रयोग कर पिछले 3 साल में खेती की तस्वीर ही बदल दी है। नयी तकनीक के अनुसार 100 बीघे में टमाटर, गोभी, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, गोभी, और बीन्स के साथ-साथ केला, पपीता, स्ट्राबेरी और ड्रेगन फ़्रूट की खेती कर रहे हैं। इस तकनीक का फायदा यह हुआ कि कुछ ही समय में देखते ही देखते इनकी आमदनी कई गुना बढ़ गई।
राहुल का कहना है कि जब आधुनिक खेती करने का फैसला किया तो गांव के कुछ लोगों ने इनकी कामयाबी पर संदेह किया और मजाक भी उड़ाया। आज की तारीख में यह लोग तकरीबन 100 बीघे में इस तरह की खेती कर रहे हैं। इस किसानों का मानना है कि अत्याधुनिक तरीके से खेती करने के बाद इन लोगों की लाइफ स्टाइल में काफी बदलाव आया है और पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा मुनाफा भी हो रहा है।