किसान आंदोलन में अपनी जान गवां चुके, सभी किसानों को फरीदाबाद में दी गई श्रद्धांजलि

0
301

संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर रविवार को शोक सभा आयोजित कर आंदोलन में शहीद हुए किसानों की श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सेक्टर 12 स्थित ओपन एयर थियेटर में आयोजित सभा में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन से एकजुटता प्रकट करते हुए तन-मन-धन से सहयोग एवं समर्थन करने का फैसला लिया गया।

सभा में सर्व सम्मति से जिला स्तर पर 35 सदस्यीय किसान संधर्ष समिति का गठन किया गया। यह कमेटी किसान आंदोलन के खिलाफ भाजपा द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार के खिलाफ किसानों को कानूनों की असलीयत से रुबरु करवाने के लिए गांव-गांव जनसभाएं करेंगी।

किसान आंदोलन में अपनी जान गवां चुके, सभी किसानों को फरीदाबाद में दी गई श्रद्धांजलि

सभा की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष नवल सिंह, प्रगतिशील किसान मंच के प्रधान सतबीर डागर, किसान संधर्ष समिति नहर पार के संयोजक सतपाल नरवत, बीकेयू से बब्लू हुड्डा व एसकेएस हरियाणा के जिला प्रधान अशोक कुमार ने संयुक्त रूप से की। श्रद्धांजलि सभा में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा व स्थाई सरकारी नौकरी देने, तीनों काले कृषि कानूनों व बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द करने,

स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करते हुए सी-2 के फार्मूले के अनुसार लागत का डेठ़ गुणा देने, संसद द्वारा कानून पारित कर एमएसपी व एपीएमसी और सरकारी खरीद की गारंटी देने वाला नया कानून बनाने, किसानों के कर्जे माफ करने,जन सेवाओं के विभागों एवं उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने और बेरोजगारों को रोजगार देने, किसानों के खिलाफ दर्ज झुठे मुकदमों को वापस लेने आदि मांगों का प्रस्ताव रखा। जिसको सर्व सम्मति से पारित कर दिया गया और सरकार से अविलंब इन मांगों को स्वीकार कर आंदोलन को समाप्त करने की मांग की गई।

किसान आंदोलन में अपनी जान गवां चुके, सभी किसानों को फरीदाबाद में दी गई श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि सभा में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में किसान आंदोलन को विपक्षी दलों, खालिस्तानी, अर्बन नक्सली, वामपंथी,चीन व पाकिस्तान द्वारा समर्थित आंदोलन बताकर बदनाम करने की घोर निन्दा की गई। भाजपा द्वारा शनिवार को एसवाईएल के मुद्दे को लेकर जिला स्तर किए उपवास करने को नोटंकी करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र व पंजाब में भाजपा की सरकार थी और सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ चुका था,तो पानी क्यों नही आया।

भाजपा को इसका जवाब किसानों को देना चाहिए। लेकिन भाजपा ऐसा करने की बजाय पंजाब व हरियाणा के किसानों की एकता को तोड़ने और जनता का ध्यान बांटने के लिए एसवाईएल का मुद्दा उठा रही है। इससे पता चलता है कि टूकड़े टूकड़े गैंग में किस दल को महारथ हासिल है। लेकिन इसके बावजूद उसको जन समर्थन नही मिल रहा है।

किसान आंदोलन में अपनी जान गवां चुके, सभी किसानों को फरीदाबाद में दी गई श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि सभा को भानू प्रकाश मलिक, बलबीर सिंह बालगुहेर,नाहर सिंह धालीवाल, रतन लाल राणा,किशन चहल,नरबीर तेवतिया, बाबू बोहरे, मास्टर बीरेंद्र दयालपुर,अतर सिंह केशवाल, सुनील चिंडालिया, धर्मबीर वैष्णव, महावीर मलिक, धर्मपाल चहल, बेनामी नंबरदार, रमेश चन्द्र तेवतिया, करतार सिंह, देवी सिंह लांबा, मास्टर महावीर सिंह, जगदीश हुड्डा, राजेंद्र भाटी, मास्टर राज सिंह, सरदार पलविंदर,भीम सिंह, राजीव रंजन त्यागी, बंशी लाल पावरिया, बीरेंद्र मान,राजेश दलाल, मास्टर राजेंद्र सिंह आदि ने संबोधित किया।