बरात में ले जाने के लिए भाड़े पर खरीद सकते हैं बराती, किराये पर मिलते हैं चाचा, ताया और फूफा

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आपने अलग अलग तरीके की दुकान देखी होगी और हो सकता है आपने वहाँ से समान भी खरीदा हो। पर अंबाला कैंट में बसे सदर बाजार में एक विचित्र दुकान सामने आई है। इस दुकान में राशन का सामान या कपड़े नहीं बल्कि बराती किराए पर मिलते हैं।

यदि बरात में सम्मिलित होने वाला कोई भी रिश्तेदार रूठ जाता है तो उस समस्या का निवारण आराम से मिल जाएगा। सदर बजार में स्थित श्री बिहारी लाल जी पान वालों की दुकान पर बराती किराये पर मिल जाते हैं। आप इस दुकान से सरबाला से लेकर दूल्हे के नजदीकी रिश्तेदार तक किराये पर ले जा सकते हैं।

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शादी के सीजन में इस दुकान पर अच्छी खासी डिमांड आती है। आपको बता दें कि अंबाला कैंट में बनी इस दुकान में यह काम पिछले पचास सालों से चल रहा है। सबसे अलग काम करने की होड़ में अंबाला कैंट में बसे परिवार ने एक दुकान बना कर बराती और शादी कार्यक्रमों के लिए रिश्तेदारों को किराये पर देने का काम शुरू किया।

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शुरुआत में इस व्यवसाय की शुरुआत करते समय हर किसी के ज़हन में इस दुकान को खोलते हुए अलग अलग ख़याल आए। आम लोगों ने भी इस दुकान का हैरानी से स्वागत किया, दुकान के सबसे अलग होने के कारण इसकी खबर आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई।

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अपने अलग अंदाज के चलते इस दुकान को राष्ट्रिय मीडिया द्वारा भी सुर्ख़ियों में लाया गया। बरात में सम्मिलित होने के लिए किस रिश्ते के लोग चाहिए उस हिसाब से ही रेट तय किया जाता है। किराये में ख़ास कर के पुरुष बराती दिए जाते हैं।

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इसमें चाचा, ताया, भाई, सरबाला आदि रिश्ते के बाराती किराये पर दिए जाते हैं। सबसे ख़ास बात यह है कि जो भी बराती आगे भेजा जाता है, वह उसी रिश्ते के अनुसार अभिनय करता है और शादी में अपना फर्ज़ निभाता है।

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दुकान के संचालक सन्नी साहनी ने बताया कि जिस भी बराती को शादी में ले जाना होता है, उसके कागजात को अपने पास रखा जाता है। साथ ही साथ इस बात का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है कि जिस भी बराती को शादी में भेजा जा रहा है वह व्यक्ति एकदम ठीक हो।

जो भी लोग बराती बनकर जाते वह जानकार ही होते हैं। अनजान लोगों को रिश्तेदार बनाकर भेजने से परहेज किया जाता है। आपको बता दें कि ज्यादातर बरातियों को एक दिन के लिए ही किराये पर भेजा जाता है।