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लाखों चीनी बेरोजगारी होंगे क्योंकि एप्पल अपना 20 प्रतिशत बिजनेस भारत में शिफ्ट करेगा ।

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ अहम अधिनियम छोड़कर बाकी सारे श्रम कानूनों को 3 साल तक निष्क्रिय करने का निर्णय लिया है। इससे ना सिर्फ ज़्यादा से ज़्यादा निवेश संभव होगा, बल्कि किसी उद्योग को स्थापित होने में लगाई जाने वाली परेशानियों का भी सफाया होगा।

कितने श्रमिक कानूनों को किया निलंबित ?

बता दें कि कुल 38 श्रम कानूनों को निलंबित कर दिया गया है और केवल 4 कानून लागू होंगे जोकि भुगतान अधिनियम, 1936 के भुगतान की धारा 5, वर्कमैन मुआवजा अधिनियम, 1932, बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 और भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम, 1996 हैं।

परन्तु बात यहीं पर नहीं रुकती। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह से विदेशी कम्पनियों के निवेश के लिए संस्थागत सुधारों की झड़ी लगाई है, उससे पता चलता है कि एप्पल जैसी विदेशी कम्पनियों के लिए भारत कैसे एक जीता जागता स्वर्ग बन सकता है।

भारत देश को भी इससे बड़ा लाभ हो सकता है जानिए कैसे ?

ये कंपनियां चीन के मुक़ाबले भारत को ही सबसे बढ़िया इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन मानती हैं। भारत के साथ-साथ वियतनाम और मेक्सिको जैसे देशों को भी बड़ा फायदा होने का अनुमान है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 1 हज़ार कंपनियां लगातार भारत सरकार के संपर्क में है और वो अपना व्यापार चीन से हटाकर भारत में स्थापित होना चाहती है । सरकारी सूत्रों के मुताबिक इन एक हज़ार कंपनियों में से लगभग 300 कंपनियां मोबाइल, मेडिकल और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों से जुड़ी हैं।

सरकार ने पिछले साल आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कई आर्थिक सुधारों को अंजाम दिया था, जिनमें सबसे बड़ा बदलाव corporate tax को कम करना था। सरकार ने इसे घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दिया था, इसके साथ ही नए उत्पादकों के लिए यह corporate tax सिर्फ 17 प्रतिशत कर दिया गया था, जो कि दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के मुक़ाबले सबसे कम है।

सरकार के इन आर्थिक सुधारों का ही परिणाम है कि अब बड़े पैमाने पर दक्षिण कोरियन, अमेरिकी और जापानी कंपनियां चीन को छोड़कर भारत आने को लेकर उत्साहित हैं।

इन सभी बातों को जानने के बाद ऐसे में यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कोरोना काल के बाद चीन को सभी देश बड़ा झटका देने की तैयारी में है और इसमें सबसे बड़ा फायदा भारत को होने की उम्मीद है। भारत सरकार अब एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को भारत लाना चाहती है और अगर वह अपनी कोशिशों में सफल रहती है तो जल्द ही भारत विश्व का सबसे ताकतवर देश बन जाएगा ।

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ अहम अधिनियम छोड़कर बाकी सारे श्रम कानूनों को 3 साल तक निष्क्रिय करने का निर्णय लिया है। इससे ना सिर्फ ज़्यादा से ज़्यादा निवेश संभव होगा, बल्कि किसी उद्योग को स्थापित होने में लगाई जाने वाली परेशानियों का भी सफाया होगा।

कितने श्रमिक कानूनों को किया निलंबित ?

बता दें कि कुल 38 श्रम कानूनों को निलंबित कर दिया गया है और केवल 4 कानून लागू होंगे जोकि भुगतान अधिनियम, 1936 के भुगतान की धारा 5, वर्कमैन मुआवजा अधिनियम, 1932, बंधुआ श्रम प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 और भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम, 1996 हैं।

परन्तु बात यहीं पर नहीं रुकती। उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह से विदेशी कम्पनियों के निवेश के लिए संस्थागत सुधारों की झड़ी लगाई है, उससे पता चलता है कि एप्पल जैसी विदेशी कम्पनियों के लिए भारत कैसे एक जीता जागता स्वर्ग बन सकता है।

भारत देश को भी इससे बड़ा लाभ हो सकता है जानिए कैसे ?

ये कंपनियां चीन के मुक़ाबले भारत को ही सबसे बढ़िया इनवेस्टमेंट डेस्टिनेशन मानती हैं। भारत के साथ-साथ वियतनाम और मेक्सिको जैसे देशों को भी बड़ा फायदा होने का अनुमान है।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 1 हज़ार कंपनियां लगातार भारत सरकार के संपर्क में है और वो अपना व्यापार चीन से हटाकर भारत में स्थापित होना चाहती है । सरकारी सूत्रों के मुताबिक इन एक हज़ार कंपनियों में से लगभग 300 कंपनियां मोबाइल, मेडिकल और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों से जुड़ी हैं।

सरकार ने पिछले साल आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कई आर्थिक सुधारों को अंजाम दिया था, जिनमें सबसे बड़ा बदलाव corporate tax को कम करना था। सरकार ने इसे घटाकर 25.17 प्रतिशत कर दिया था, इसके साथ ही नए उत्पादकों के लिए यह corporate tax सिर्फ 17 प्रतिशत कर दिया गया था, जो कि दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के मुक़ाबले सबसे कम है।

सरकार के इन आर्थिक सुधारों का ही परिणाम है कि अब बड़े पैमाने पर दक्षिण कोरियन, अमेरिकी और जापानी कंपनियां चीन को छोड़कर भारत आने को लेकर उत्साहित हैं।

इन सभी बातों को जानने के बाद ऐसे में यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कोरोना काल के बाद चीन को सभी देश बड़ा झटका देने की तैयारी में है और इसमें सबसे बड़ा फायदा भारत को होने की उम्मीद है। भारत सरकार अब एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को भारत लाना चाहती है और अगर वह अपनी कोशिशों में सफल रहती है तो जल्द ही भारत विश्व का सबसे ताकतवर देश बन जाएगा ।

Avinash Kumar Singh

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