जज्बे को सलाम: पायलट पति हुआ शहीद तो एक साल में ही एयरफोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर बनी पत्नी

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देशभक्ति के जज्बे को हर कोई सलाम करता है। हमारे देश हिंदुस्तान में हर एक परिवार के भीतर एक भावना होती है और वह भावना देश हित में होती है। जिस परिवार में सेना में कोई भी व्यक्ति शामिल होता है या मौजूद होता है तो उसके पूरे परिवार में देशभक्ति की लहर होती है।

और अक्सर देखा जाता है जब एक मां का बेटा सपूत लाल शहीद होता है तो उस शहीद की मां यह कहने से कतई नहीं चूकती कि अगर मेरा एक और बेटा होता या फिर उनका अगर एक और बेटा मौजूद है तो उसे भी वह शहीद होने के लिए देश के बॉर्डर पर भेज देंगे।

और ऐसा जज्बा सिर्फ और सिर्फ देश भारत की मांओं के अंदर है। देश के जवानों की धर्मपत्नियाँ भी इस सोच से पीछे नहीं हैं। देखा जाता है जब दुश्मन का सीना छलनी करने के लिए देश के जवान आगे बढ़ते हैं तो उनकी अर्धांगिनी,

धर्मपत्नी अभी उसी जज्बे के साथ उसी हौसले के साथ अपने पतियों की हौसला अफजाई करती है। और देखने में यह भी आता है जब सेना के जवान शहीद होते हैं तो उनकी पत्नियां भी उसी जज्बे के साथ अपने आप को देश के लिए कुर्बान करने के लिए शपथ लेती हैं कसमें खाती हैं और एक ऐसी ही शपथ की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं।

गाजियाबाद निवासी समीर से गरिमा की शादी 2015 में हुई थी। पेशे से फीजियोथेरेपिस्ट गरिमा ने पति की मौत के बाद वायुसेना में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने एएफएसबी वाराणसी से एसएसबी की परीक्षा पास की। बता दें कि 2019 के उस विमान हादसे में एक अन्य पायलट की मौत हुई थी। पति की मौत के बाद इंस्टाग्राम पर भावुक पोस्ट लिखकर गरिमा सुर्खियों में रहीं थीं। उन्होंने दुर्घटना के लिए पुराने विमान और सरकारी रवैये को दोषी ठहराया था। उन्होंने लिखा था, ‘कितने और पायलटों को इस बात के लिए कुर्बानी देनी होगी जिससे इस सिस्टम के लोगों को एहसास हो कि कुछ गलत हुआ है।

आपको जगाने के लिए कितने और पायलटों को अपनी जान देनी होगी?’ बतादें शहीद समीर अबरोल की पत्नी गरिमा अबरोल एयरफोर्स अकेडमी से पास आउट हो गई हैं और वह फ्लाइंग ऑफिसर बन गई हैं। डिफेंस पीआरओ शिलॉन्ग ने रविवार को यह जानकारी दी। हैदराबाद के डुंडीगल में शनिवार को एयरफोर्स एकेडमी में हुई पासिंग आउट परेड में गरिमा अबरोल भी शामिल थीं, जहां केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे।