HomePress Release25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं बल्कि यह त्यौहार मनाएंगे यह लोग, जानें...

25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं बल्कि यह त्यौहार मनाएंगे यह लोग, जानें क्यूँ और कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार

Published on

उपमंडल अधिकारी (ना.) जितेंद्र कुमार ने कहा कि गीता के माध्यम से हमें जीवन में निरंतर सकारात्मक रुप से आगे बढऩे की प्रेरणा मिलती है और जीवन में किसी भी परिस्थिति में सहनशील रहने का संदेश भी मिलता है। श्रीमद्भागवद् गीता हमें जीवन में निरंतर कुछ न कुछ नया सिखाती है और समाजहित के प्रति अपना दायित्व निभाने के लिए प्रेरित भी करती है।

25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं बल्कि यह त्यौहार मनाएंगे यह लोग, जानें क्यूँ और कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार

वह बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तिलपत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अंतर्गत अष्टादश श्लोकों के सामुहिक उच्चारण अञ्जयास के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं बल्कि यह त्यौहार मनाएंगे यह लोग, जानें क्यूँ और कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार

उपमंडल अधिकारी (ना.) फरीदाबाद जितेंद्र कुमार ने कहा कि श्रीमद् भगवद् गीता मनुष्य को कर्म का संदेश देता है। मनुष्य जीवन की चिंताओं, समस्याओं, अनेक तरह के तनावों से घिरा हुआ है, कई बार वह भटक जाता है, ऐसे में गीता मानव को निरंतर कर्म का संदेश देती है और जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता विश्व का एक महान ग्रंथ है।

25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं बल्कि यह त्यौहार मनाएंगे यह लोग, जानें क्यूँ और कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार

इस ग्रंथ में कहे गए एक-एक श्लोक में मानवता की सीख मिलती है। इसलिए अपने जीवन को सफल बनाने और सही मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में पवित्र ग्रंथ गीता के ज्ञान को धारण करना चाहिए। इस अवसर पर उप जिला शिक्षा अधिकारी सरोज शास्त्री ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव आनलाईन आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में 25 दिसंबर को जिला के 50 स्कूलों के 2500 बच्चे श्रोकोच्चारण कार्यक्रम में आनलाईन शिरकत करेंगे।

25 दिसंबर को क्रिसमस नहीं बल्कि यह त्यौहार मनाएंगे यह लोग, जानें क्यूँ और कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार

इसी कार्यक्रम की श्रंखला में बच्चों का लगातार अञ्जयास करवाया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्या पूनम मेहता ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की नोडल अधिकारी सरोज शास्त्री, मनोज शास्त्री व नरेंद्र शास्त्री सहित कई अध्यापक भी मौजूद थे।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...